चारधाम यात्रा: रो रहे हजारों किमी दूर से आए तीर्थयात्री, क्या छवि लेकर जाएंगे?

632
  • प्रबंधन पूरी तरह से फेल, शर्म करो सरकार!
  • क्या प्रदेश में ऐसे होगा पर्यटन विकास?

उत्तराखंड में गजब हाल हैं। सरकार चारधाम यात्रा संचालन में बुरी तरह से फेल हो गयी। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु रो रहे हैं। उनको केदारनाथ की बजाए चोपता या अन्य जगह जाने के लिए कहा जा रहा है। ये पूरी तरह से देवस्थानम बोर्ड, पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन का फेल्योर है। तीर्थयात्रियों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है। यदि सीमित संख्या में यात्रियों को भेजना है तो चैक प्वाइंट हरिद्वार, ऋषिकेश और श्रीनगर होने चाहिए थे। तीर्थयात्रियों को उनके मोबाइल पर जानकारी क्यों नहीं दी जा रही। टूरिस्ट पुलिस की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं हुए। तीर्थयात्रा पर अधिकांश बुजुर्ग आते हैं जो जीवन में एक बार ही यहां आ पाते हैं। यदि उन्हें लौटा दोगे तो पाप के भागी बनोगे?
इससे संबंधित वीडियो देखने के लिए यहां पर क्लिक करें
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर क्या देहरादून में बैठकर मौज लेने के लिए हैं? पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज क्या वोट बटोरने के लिए हैं। उनकी जवाबदेही क्यों नहीं है? हद है। कुछ तो शर्म करो सरकार। डिजिटल इंडिया का भट्टा बिठा दिया। कम्युनिकेशन गैप क्यों और कहां हो रहा है। अब तक भी पता नहीं लगा क्या? जो लोग यहां आ रहे हैं और रो रहे हैं। वो क्या उत्तराखंड में दोबारा आएंगे। हद है। ये है व्यवस्था? शर्म करो सरकार।

[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

महज कुछ घंटों में दूध के झाग सा बैठ गया आंदोलनकारियों का अनशन

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here