निश्चित रूप से विचारणीय प्रश्न है, क्योंकि मनुष्य सामाजिक प्राणी है। किन्तु समाज मनुष्यों का समूह है यह भी अटल सत्य है। अतः सामाजिक नीति नियमों के साथ निजी हितों एवं इच्छाओं का सामंजस्य आवश्यक हैं।
डॉ सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निश्चित रूप से विचारणीय प्रश्न है, क्योंकि मनुष्य सामाजिक प्राणी है। किन्तु समाज मनुष्यों का समूह है यह भी अटल सत्य है। अतः सामाजिक नीति नियमों के साथ निजी हितों एवं इच्छाओं का सामंजस्य आवश्यक हैं।
डॉ सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)