हमारे जीवन में अनेक अपरिचित व्यक्ति आते हैं, जिनके बारे हमें संपूर्ण जानकारी नहीं होती। ना उनके ज्ञान के बारे में, ना उनके आचरण और उनके संस्कार के बारे में। जिस प्रकार अच्छी व ज्ञानवर्दक पुस्तकों को बिना पढ़े पता नहीं चलता कि उसमें क्या लिखा है। उसके लिए पुस्तक को पढ़ना पड़ता है और कई पुस्तकें तो जल्दी से समझ में नहीं आती। उन्हें बार-बार पढ़ना कर समझना व जीवन में उतारना पड़़ता है। उसी प्रकार अच्छे व्यक्तियों के गुण, संस्कार, ज्ञान, प्रतिभा और कार्यशैली को जानने व समझने में भी समय लगता है। यदि हमारे जीवन में कोई ऐसा ही व्यक्ति आए, जो देश व समाजहित के लिए चिंतित हो और कार्य कर रहा हो। लोगों में समाज को आगे ले जाने, अंधविश्वास और पाखंडवाद को दूर करने के लिए जागरूकता फैला रहा हो। तो उसके साथ रह कर सीखने व साथ रहने का प्रयास करना चाहिए, उससे हमारे ज्ञान, समझ, बुद्धि और प्रतिभा का विकास होने के साथ-साथ हमारे व्यक्तित्व में भी निखार आने लग जाएगा और हमें भी सफलता मिलेगी।
राजेंद्र खर्रा
(संयोजक, अखिल भारतीय धानका आदिवासी समाज रजि.)