विपरीत परिस्थितियों में सबसे बड़ा संबल धैर्य है।
“बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेइ। जो बनि आवै सहज में, ताही में चित देई॥
अर्थात बीते हुए कल को भूल कर वर्तमान में जिएं। सहजता से जो कर सकें, मन और मस्तिष्क में केवल वैसे ही विचार आने दें।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान,
(गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली