Tag: DR. SAROJ VYAS
जीवन का अनुभव
सबकी सुनें, सुनकर मस्तिष्क से गुणें, गुण कर अर्थात मनन-चिंतन और विश्लेषण के उपरांत मन की करें । लेकिन मनमानी ना करें, क्योंकि कभी...
जीवन का अनुभव
भावनाओं में बहकर कभी कभी मनुष्य अपनी छोटी छोटी इच्छाओं को भी अनदेखा कर देता है और एक उम्र के बाद अहसास होता है...
जीवन का अनुभव
आत्म मूल्यांकन आवश्यक है। क्योंकि भावुकता मानवीय चरित्र का स्वाभाविक गुण है, लेकिन अति भावुकता निर्णय क्षमता को प्रभावित करती है।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक,...
जीवन का अनुभव
सबकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना और सबको खुश रखना संभव नहीं है।
इसलिए कभी - कभी बुद्धि और अनुभव के आधार पर निर्णय ले लेना...
जीवन का अनुभव
संभव से असंभव और विश्वास से अविश्वास उत्पन्न होता हैं।
इसलिए व्यक्ति की आस्था मूल भाव पर होनी चाहिए, क्योंकि सहायक स्थाई नहीं होते।
प्रो. (डॉ)...
जीवन का अनुभव
निःसंदेह माता-पिता संतान को कभी भी अनैतिक और असामाजिक आचरण के लिए स्वीकृति प्रदान नहीं करते हैं।
तथापि
भावानाओं के वशीभूत होकर अप्रत्यक्ष रूप से सहयोगी...
जीवन का अनुभव
निजी स्वतंत्रता के नाम पर असामाजिक आचरण करने वाली युवा पीढ़ी की बर्बादी के लिए माता-पिता को निर्दोष होने का प्रमाण-पत्र दिया जा सकता...
जीवन का अनुभव
सलाह, सुझाव और परहित उपदेश देना जितना सरल है, उन्हें स्व जीवन में चरितार्थ करना उतना ही कठिन है।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन...
जीवन का अनुभव
मनुष्य को महत्वाकांक्षी होना चाहिए, लेकिन स्वजनों की अवहेलना और परिवार के विघटन की कीमत पर कदापि नहीं।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं...
जीवन का अनुभव
अधिकार एवं स्वतंत्रता के नाम पर मनमानी करने वाले व्यक्तियों से सामाजिकता की अपेक्षा किया जाना व्यर्थ हैं।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं...