- महिला सशक्तीकरण के सच को उजागर करने की छटपटाहट
- महिलाओं के विभिन्न मुद्दों को मुखर स्वर दे रही हैं इंदु भारती नवानी
नारी सदियों से उद्वेलित है, उसके अंदर सवालों का तूफान है जिसका जवाब आज भी नहीं मिल रहा है। आधी आबादी की पूरी बात करने वाले लोग गिनती के हैं। नारी को विकास की उत्कंठा है और उसकी तड़प तब और बढ़ जाती है जब वह घर की चाहरदीवारी से बाहर निकल कर संघर्ष करती है, कुछ कर गुजरने की सोचती है। कदम-कदम पर उसे चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। महिला सशक्तीकरण की बात करने वाले ही महिला को विकास की मुख्यधारा में आने से रोकते हैं। निश्चित तौर पर महिला सशक्तीकरण तो हुआ है लेकिन चंद महिलाओं के सशक्त होने से आधी आबादी की बात पूरी नहीं होती।
महिलाओं से जुड़े विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को स्वर दे रही हैं इंदु नवानी। देहरादून की यह महिला सोशल मीडिया के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही है। वह महिलाओं की समस्याओं को मुखर स्वर दे रही हैं। बात चाहे एनआरएलएम की विसंगतियों की हो, स्त्री शिक्षा की हो, स्वास्थ्य की हो, महिलाओं के कुछ कर गुजरने की। इंदु एक जागरूक महिला के तौर पर हाशिए पर छूट गई महिलाओं और अपने हकों के लिए लड़ रही महिलाओं की लड़ाई को स्वर दे रही हैं। इंदु नवानी की यह कोशिश है और उन्होंने छोटे से समय में सोशल मीडिया का सदुपयोग कर महिलाओं को जागरूक और संगठित करने का प्रयास किया है। एक नई पहचान बनाई है। उनका यह प्रयास सराहनीय है।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]