लखवाड़ और व्यासी बांध के लिए 72 परिवार वाला लोहारी गांव डूब रहा है। टिहरी झील यहां के लोगों के आंसुओं से भरी है और अब व्यासी और लखवाड़ के लिए लोहारी डूब रहा है। 731 मीटर तक पानी आया है। ग्रामीणों को घर खाली करने के लिए कह दिया है। जनवरी में मैं और वर्षा सिंह लोहारी गये थे। यहां के ग्रामीणों की व्यथा सुनी तो आंख भर आयी थी। यहां एक पूरी सभ्यता डूब रही है।
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अब मछलाण मेला भी नहीं होगा। व्यासी बांध में बिजली उत्पादन के लिए ट्रायल के लिए एक ही चैनल चलाया था कि यमुना एक छोटी नाली में बदल गयी थी और यहां महाशीर जैसी मछली बिन पानी तड़पने लगी। ग्रामीणों ने पत्थरों से मछलियों का शिकार किया था। यानी यमुना हार रही है, और उसके एक सभ्यता भी मर रही है।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]