बद्री गाय ने पकड़ी जिद, मुझे ब्रांडेड घास चाहिए

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  • दूध देने से किया इनकार, कहा, पहले मांग पूरी करो
  • कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत जिंदाबाद के नारे लगा रही बद्री गाय

आज सुबह हमारा दूधिया रामलाल जब देर तक नहीं आया तो मैंने उसे फोन किया, क्या हुआ। सुबह की चाय तक नसीब नहीं हुई। रामलाल ने कहा, क्या बताएं आपको, ये जो हमारी गाय चम्पा है ना ये दूध ही नहीं दे रही। जिद पकड़े है कि जब तक ब्रांडेड घास नहीं मिलेगी तो दूध नहीं देगी। उसकी शिकायत है कि उसे सूखी घास और मिलावटी चारा-पत्ती खिला रहा हूं। पता नहीं क्या हो गया इसको?
मैंने पूछा ब्रांडेड घास क्यों मांग रही है?
रामलाल बोला, मेरी घरवाली भाजपा की एक सभा में गयी थी। वहां धनसिंह रावत भाषण दे रहे थे कि अब राशन की दुकानों की तर्ज पर घास मिलेगा। पत्नी खुश हो गयी कि चारा-पत्ती से पीछा छूटा। सो, उनका भाषण रिकार्ड कर लिया और चम्पा को सुना दिया कि अब उसका स्टेटस भी बढ़ जाएगा, ब्रांडेड घास खाकर।
बस, अपनी चम्पा ने जिद पकड़ ली कि उसे तो ब्रांडेड घास ही चाहिए, नहीं तो दूध नहीं देगी। बद्री गाय धन सिंह रावत की जय-जयकार कर रही हैं।
मैंने कहा, कोई बात नहीं, गाय को भी अच्छे दिन की उम्मीद है। जब भूख लगेगी तो ब्रांड भूल जाएगी और उसे पता लगेगा कि नेताओं के चक्कर में पड़ेगी तो भूखी मरेगी। नेता बस, अपना पेट भरना जानते हैं उन्हें दूसरे की क्या परवाह?
चम्पा को लगा कि कैबिनेट मंत्री ने कहा और झट से दुकान खुल गयी और पट से ब्रांडेड घास दुकान पर बिकने लगा। बेचारी को क्या पता, नेता अपने भाषणों में ही जनता को सब्जबाग दिखा कर उनको सातवें लोक की सैर कराते हैं और जब जनता को होश आता है तो वो अपना वोट गंवा चुके होते हैं और धम्म से जमीन पर गिरे होते हैं। नेता पहले गाय के नाम पर वोट बटोरे अब घास का लालच देकर वोट बटोरेंगे।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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