शक्तिमान को आज भी न्याय का इंतजार

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  • हाईकोर्ट से न्याय का इंतजार, फैसला सुरक्षित

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से विवादों का पीछा नहीं छूट रहा है। आय से अधिक संपत्ति, सैन्य धाम का समय पर न बनना और उसमें अनियमितताओं के आरोप के बाद आठ साल पुराना मामला फिर बोतल में बंद जिन्न की तरह निकल आया है। मेनस्ट्रीम मीडिया जिसे उत्तराखंड में गणेश मीडिया भी कहा जाता है, पता नहीं इस खबर को प्रकाशित किया या नहीं, किया भी होगा तो कहीं ऐसी जगह लगाई होगी कि नजर ही न आएं। हाईकोर्ट ने शक्तिमान घोड़े की मौत के मामले में दायर एक याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
हाईकोर्ट में जस्टिस राकेश थपलियाल की सिंगल बेंच ने शक्तिमान प्रकरण की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह रिवीजन पिटीशन होशियार सिंह बिष्ट ने दायर की थी। इसमें निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी कि जिसमें कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को दोषमुक्त कर दिया था। इसके अलावा अदालत ने यह भी कहा था कि याचिकाकर्ता न तो शिकायतकर्ता है और न ही गवाह।
इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। याचिका में कहा गया कि 2016 को पुलिस के घोडे शक्तिमान पर जोशी ने लाठी से हमला किया और बाद में घोड़े की मौत हो गई। 23 अप्रैल 2016 को पुलिस ने गणेश जोशी को आरोपी बनाया था। 16 मई 2016 को इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल की गई थी। सरकार बदलने के बाद 23 सितंबर 2021 को गणेश जोशी को बरी कर दिया गया और अपीलीय कोर्ट ने इस मामले में याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना। इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गणेश जोशी और अन्य को सजा देने की मांग की है।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)

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