- सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के प्रिंसिपल रहे चुके हैं ब्रिगेडियर पसबोला
- सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल के एजूकेशन डायरेक्टर की संभाली जिम्मेदारी
(Retd.) .. Brigadier Vinod Pasbola
ब्रिगेडियर (रि.) बिनोद पसबोला का कहना है कि वृक्ष कितना भी बड़ा हो, उस पर फल लगते हैं तो वह झुक जाता है। अपनी जड़ों को नहीं छोड़ता। अपनी जड़ों को नहीं छोड़ना चाहिए। ब्रिगेडियर पसबोला ने जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के तौर पर की। पौड़ी के सतपुली इलाके के उड़ल गांव निवासी ब्रिगेडियर पसबोला ने देमदेवल और मैटाकुंड के जीआईसी में बच्चों को पढ़ाया। इसके बाद सेना में कमीशन हासिल किया। वह चार साल तक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के प्रिंसीपल रहे। इस दौरान उन्होंने बच्चों को नैतिकता, अनुशासन, समय प्रबंधन और उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर जोर दिया।
रिटायर होने के बाद वह सैनिक स्कूल रुद्रप्रयाग को तैयार करना चाहते थे। उनका दावा है कि दो साल में सैनिक स्कूल तैयार कर देते। इस संबंध में वह तत्तकालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत से भी मिले, लेकिन यह स्कूल तो राजनीति की भेंट चढ़ा है। अब उन्होंने बच्चों को क्वालिटी एजूकेशन और देश को एक अच्छे नागरिक देने की कोशिश में जुटे बलूनी ग्रुप आफ एजूकेशन के स्कूल सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल देहरादून की कमान संभाल ली है। उम्मीद है कि ब्रिगेडियर पसबोला जैसे अनुभवी और राष्ट्र के लिए समर्पित सैन्य अफसरों के अनुभव का लाभ हमारी सरकार भी लेंगी। ब्रिगेडियर पसबोला को इस नये टास्क की हार्दिक शुभकामनाएं।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]