एक महिला स्वीपर की करुण दास्तां

16 साल की नौकरी में वेतन 2800 से बढ़कर हुआ महज 10 हजार नेताजी, ये जो तुम विकास के दावे करते हो, आंकड़े दिखाते हो, वह बाजीगिरी है, फरेब है, तुम्हारा नंगापन है, और कुछ नहीं। कल रात की बात है। नामी-गिरामी निजी हास्पिटल में दाखिल अपने एक परिजन को खाना देने गया। आईसीयू के … Continue reading एक महिला स्वीपर की करुण दास्तां