उत्तराखंड में हर 18 घंटे में एक महिला के साथ होता है रेप

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  • एक साल में 421 रेप, 48 दहेज हत्या, 698 किडनेपिंग केस दर्ज
  • अंकिता हत्याकांड के दो साल, अनसुलझे सवाल बाकी

अंकिता भंडारी हत्याकांड को आज पूरे दो साल हो गए। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चल रहा है। 100 गवाह हैं और अब तक महज 49 गवाहों के ही बयान दर्ज हुए हैं। वीआईपी के नाम को लेकर संस्पेंस बरकरार है और आरोपी पुलकित आर्य पौड़ी और चमोली जेल से होता हुआ शायद अल्मोड़ा जेल पहुंच गया है। उसकी बदतमीजी इतनी है कि चमोली में जेलर के साथ भी दुर्व्यवहार किया। यह सत्ता की हनक नहीं तो और क्या है? उसे विश्वास है कि वह छूट जाएगा। धनबल और सत्ताबल से न्याय खरीद लेगा।
पिछले वर्ष यानी 2023 के पुलिस में दर्ज महिला अपराधों के आंकड़ो ंपर गौर करें। कुल अपराध 2880 हुए। रेप 421 का हुआ। यानी हर 18 घंटे मे रेप का एक केस दर्ज हुआ। रुद्रप्रयाग जिले को छोड़ दिया जाएं तो बाकी 12 जिलों में रेप की घटनाएं हुई हैं। ऊधमसिंह नगर में 204 रेप, देहरादून में 85, हरिद्वार में 50, नैनीताल में 26, पौड़ी में 13, टिहरी गढ़वाल में 19 केस दर्ज हुए हैं। किडनेपिंग मामलों में देहरादून और ऊधमसिंह नगर में 178-178 मामले दर्ज हुए। हरिद्वार में सर्वाधिक 183 मामले दर्ज हुए। एसिड अटैक का एक मामला भी हरिद्वार में दर्ज हुआ। ये रिपोर्टिड केस हैं।
इधर, प्रदेश़ की महिलाएं अंकिता और महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों की चिन्ता छोड़ ढोलक और चिमटा बजा रही हैं। प्रभु भक्ति में लीन हैं। उनके बच्चे नशे की चपेट में हैं और वो नेताओं की रैलियों में जोर से प्रतिभाग कर रही हैं। घर में बूढ़े सास-ससुर भूखे हैं और बाहर समाजसेवा हो रही है। सत्ताओं ने उन महिलाओं के विरोध के स्वर कुचल डाले हैं जो महिलाएं राज्य के लिए पहाड़ की पगडंडी से लेकर दिल्ली के संसद मार्ग तक उतर गई थीं। जब मातृशक्ति ही सो गई है तो प्रदेश का भला होने वाला नहीं। ऐसे में यदि अंकिता भंडारी के हत्यारोपित छूट भी गए तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। हां, इस तरह की घटनाएं और बढ़ जाएंगी। खूब बजाओ, ढोल-मजीरे, भगवान ही रक्षा करेगा।
अंकिता को भावभीनी श्रद्धांजलि।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)

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