जी-20 के भ्रष्टाचार निवारण कार्यसमिति की बैठक का एक लाभ। पता चला है कि औंणी गांव की तस्वीर और तकदीर बदल गयी। यहां की गलियां, पंचायत भवन का कायाकल्प हो गया और स्कूल स्मार्ट हो गये। हालांकि मैं यह दावा नहीं करता हूं कि इस गांव में जो भी संसाधन या स्कूल के लिए स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था की गयी, उसमें कमीशन नहीं लिया गया, लेकिन कम से कम गांव की तस्वीर तो संवरी। हर माह ऐसा सम्मेलन हो तो साल में 12 गांव संवर जाएं। कर्ज में तो हम पहले से ही डूबे हैं। तीन बैठकों में 100 करोड़ का खर्च हो रहा है।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]