जी-20 सम्मेलन में विदेशी मेहमानों को फ्रांस का पानी पिलाया तो क्या बुरा किया? सरकार का बिल्कुल सही फैसला। भारत में सबसे शुद्ध जल गंगोत्री का माना जाता है और सबसे बढ़िया पानी सिक्कम का होता है। आजकल तो वैसे भी लाखों भक्त चारधाम गये हैं। अधिकांश नदियों में ही पॉटी कर रहे होंगे। अपने यहां के पानी में तो ई. कोली या फेकल स्ट्रेप्टोकोक्की, एंटरोवायरस, हेपेटाइटिस ए, नोरोवायरस, रोटावायरस हो सकते हैं जो हैजा, टाइफाइड और पीलिया जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं।
अब यह मत कहना कि आखिर क्या कहना चाहते हो? थ्री इडियट फिल्म की भाषा में कहूं तो एक गिलास पानी में एक करोड बैक्टीरिया होते हैं। ऐसे में विदेशी मेहमानों का पेट खराब हो सकता था, या लीवर में सूजन आ सकती थी। वैसे भी पेयजल निगम के एमडी उदयराज पर मुझे जरा भी विश्वास नहीं। पक्का है कि धामी जी को भी नहीं होगा, तभी फ्रांस का आयातित पानी पिलाया।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]
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