- सीआरपीएफ में एएसआई के तौर पर हुए थे भर्ती
साइकिलिंग का जुनून, चारधाम, पंचबद्री समेत 73 हजार किमी यात्रा पूरी की
पौड़ी गढ़वाल के एकेश्वर ब्लाक के चमाली गांव निवासी सोहन सिंह रावत सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बन गये हैं। सोहन 1990 में एएसआई के तौर पर सीआरपीएफ की 68वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। सीआरपीएफ में इस पद तक बहुत कम अफसर पहुंच पाते हैं। मौजूदा समय में सोहन सिंह रावत आसाम के डिब्रूगढ़ में तैनात हैं। उनकी इस उपलब्धि से पूरे गांव में हर्ष का माहौल है।
असिस्टेंट कमांडेंट सोहन सिंह रावत मई महीने तक झारखंड के नक्सल बहुल इलाके गुरवा में तैनात थे। इसी साल जनवरी में उनकी 171वीं बटालियन ने बुराह पहाड़ से नक्सलियों को खदेड़ दिया था। बुराह पहाड़ नक्सलियों का अभेद किला माना जाता था। यहां सीआरपीएफ ने पूरे इलाके को डिमाइनिंग कर दिया है। अब वहां सीआरपीएफ की 6 कंपनियां तैनात हैं।
असिस्टेंट कमांडेंट रावत को साइकिलिंग का जुनून है। नक्सल बहुल इलाके में जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए उन्होंने 16 अप्रैल को गरवा से बुराह पहाड़ तक 115 किलोमीटर की साइकिलिंग की। साइकिलिंग के दौरान अधिकांश रास्ता घने जंगल के बीच से होकर गुजरा। बता दूं कि इस रास्ते पर कार नहीं जा सकती है। सोहन बताते हैं कि उन्होंने साइकिलिंग की शुरुआत जनवरी 2019 से की और तब से लेकर अब तक वह 73 हजार किलोमीटर साइकिलिंग कर चुके हैं। वह केदारनाथ और यमुनोत्री तक साइकिल लेकर पहुंचे। वह पंचकेदार और पंच बदरी भी साइकिल से पूरी कर चुके हैं। इसके अलावा कुंजापुरी, देवलसारी तक भी साइकिलिंग की। वह हंसते हुए कहते हैं कि उत्तराखंड में 55 हजार किलोमीटर साइकिलिंग की।
उत्तराखंड के इस वीर सपूत को उसकी उपलब्धि और पदोन्नति के लिए हार्दिक शुभकामना।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]
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