- एक ने चलती कार में उनका कुर्ता फाड़ा और गनर की वर्दी भी
- प्रेमचंद अग्रवाल की जान खतरे में, सीएम लें संज्ञान
मैं तो अपने प्यारे शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को उत्तराखंड का बाहुबली मानता था, लेकिन आज पता लगा कि वह तो बचपन से बहुत मासूम हैं। नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। भारतीय कानून में उनकी जबरदस्त आस्था है। उनकी मासूमियत देखिए कि जब वह स्पीकर थे तो 100-125 लोगों को मामूली से कागज पर हस्तलिखित लिपि से ही दया कर विधानसभा सचिवालय में नौकरी दे दी। सब नियमानुसार ही हुआ था, और आज भी सब सरे बाजार बिल्कुल नियमानुसार हुआ। एक आवारा किस्म का समाजसेवी उनकी कार पर झपटा। मंत्री की जेब से कई कीमती चीजें निकाली और उनका कुर्ता फाड़ डाला। गनर की वर्दी भी फाड़ दी। भला ऐसा गनर किस काम का, जो अपनी और मंत्री की हिफाजत ही नहीं कर पाया, इसे तुरंत संस्पैंड कर देना चाहिए। बदले में प्रेमचंद ने सिर्फ सुरेंद्र को थप्पड़ ही मारा, वो भी ऐसे जैसे उसे पुचकार रहे हों।
मुझे तो लगता है कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की जान के पीछे कई लोग पड़ गये हैं। इसलिए मुख्यमंत्री धामी को इस मामले में तुंरत संज्ञान लेना चाहिए और उन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी दी जानी चाहिए।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]