सिक्स सिग्मा टीम की निरंतर हो मानीटरिंग

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  • सीएम समेत सभी को धोखे में रखती है यह टीम
  • फौजी लिबास और अशोक चिन्ह के दुरुपयोग का केस भी बने

मुझे अपने प्रदेश की एलआईयू पर बड़ी हंसी आती है। एक ढंग की रिपोर्ट नहीं दे सकते। कल सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर का प्रदीप भारद्वाज सीएम आवास पहुंच गया। सीएम धामी ने भी बिना जांचे परखे उसकी तारीफ कर डाली कि हाई एल्टीट्यूड पर नि:शुल्क सेवा देगा। लाभ क्या लेगा, उस पर कोई विचार नहीं हुआ होगा? 45 सदस्यीय टीम को केदारनाथ रवाना करने की बात की गयी। प्रदीप भारद्वाज कोट और अपनी अटैची पर भी अशोक चिन्ह लगाता है जो कि खुले आम गैरकानूनी है। सब चुप रह जाते हैं। पता नहीं क्यों?
सिक्स सिग्मा के कर्मचारी केदारनाथ में फौजी जैसी ड्रेस पहनते हैं। इनमें से अधिकांश को बुखार जैसी दवाओं का भी ज्ञान नहीं होता है। जिन डाक्टरों की तैनाती का दावा किया जाता है वो वहां रहते ही नहीं हैं। फार्मासिस्ट भी नहीं होते हैं। इस मामले को मैंने पिछले साल भी उजागर किया था। रुद्रप्रयाग के तत्कालीन सीएमओ ने भी सिक्स सिग्मा की टीम को पर्याप्त क्वालीफाइड नहीं पाया था और कंपनी से जवाब मांगा था।
बता दूं यह वही सिक्स सिग्मा है कि जब पूरे प्रदेश में त्रिवेंद्र चचा सरकार की किरकिरी हो रही थी तो यह कंपनी उन्हें देश का नंबर वन सीएम का खिताब दे रही थी। पता नहीं इस बार कंपनी क्या करेगी? इससे तो बेहतर यह होता कि सरकार विवेकानंद हेल्थ मिशन को सपोर्ट करती। मिशन के डाक्टर और उनकी टीम चारों धामों में बेहतरीन काम करते हैं। साथ ही उनके पास क्वालीफाइड स्टाफ भी होता है। सिक्स सिग्मा कंपनी की जांच होनी चाहिए और इसको एक्सपोज भी किया जाना चाहिए।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

यूकाडा की आंखों में भ्रष्टाचार का चश्मा है!

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