एक तो डाक्टर, ऊपर से पशु चिकित्सक। उस पर नौगांव जैसे देहात में तैनात। जब डाक्टर देहरादून-हल्द्वानी से ऊपर पहाड़ चढ़ने को तैयार नहीं, पहाड़ी डाक्टर तो कतई चढ़ने को तैयार नहीं। ऐसे में डा. मोनिका उत्तरकाशी जैसे विषम भौगोलिक इलाके में तैनात रही और महज आठ हजार रुपये की रिश्वत में पकड़ी गयी। बड़ी मासूम है वह। निर्दोष है, उसे छोड़ दो प्लीज। मासूम न होती तो महज आठ हजार रिश्वत लेते पकड़ी जाती। नहीं यह साजिश है। मोनिका यदि आठ हजार भी नहीं छिपा सकी तो उसकी मासूमियत जगजाहिर होने दो।
बताओ, छोटी सी बकरी के लिए इतनी ठंड में पकड़ लिया डाक्टर को। अरे भई, उनको पकड़ो जो आस्ट्रेलिया से आठ करोड़ की मेरिनो भेड़ लाए और सब सफाचट। उन भेड़ों की लुतगी तक नहीं बची। इसे कहते हैं सफाई। मोनिका को कुछ सीखने दो। अभी वह नौसिखिया है उसे छोड़ दो प्लीज।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]