बाप ‘कुकर्मी‘ तो बेटा कैसे संस्कारी होता?

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  • पुलकित की परवरिश सही होती तो अंकिता जिंदा होती
  • विनोद आर्य पर कुकर्म का आरोप, पुराने ड्राइवरों और नौकरों से भी हो पूछताछ

जनसेवा और राष्ट्रप्रेम की दुहाई देने वाले आरएसएस-भाजपा से जुड़े रहे व पूर्व दर्जाधारी विनोद आर्य के खिलाफ हरिद्वार पुलिस ने अपने ड्राइवर के साथ कुकर्म और हत्या की कोशिश समेत संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने विनोद आर्य के खिलाफ 377 अप्राकृतिक कृत्य, 307 हत्या की कोशिश, 511 आजीवन कारावास की धारा, 323 शारीरिक चोट पहुंचाना, 504 प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाना, और 506 आपराधिक नीयत की धाराओं में केस दर्ज किया है।
यह विनोद आर्य वही है जिसका बेटा पुलकित आर्य अंकिता भंडारी मर्डर केस में मुख्य आरोपी है। इस घटना के बाद स्पष्ट हो रहा है कि पुलकित आर्य ने तो वही किया जो बाप ने सिखाया। या बाप को देखकर सीखा। यानी परवरिश में ही कमी रह गयी थी। यदि पुलकित को अच्छे संस्कार मिले होते तो आज अंकिता जिंदा होती।
विनोद आर्य के मामले हरिद्वार पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रभावशाली लोग हैं, सत्ता की हनक है तो निश्चित तौर पर पुलिस पर दबाव रहेगा ही। पुलिस को चाहिए कि विनोद आर्य के सभी पूर्व और मौजूदा नौकरों और ड्राइवरों से पूछताछ करे तो और भांडा फूट सकता है।
उत्तराखंड में राजनीति का अपराधीकरण हो रहा है। यदि इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लगी तो यह देवभूमि दैत्यभूमि बन जाएगी। इस मामले में सामाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए। ड्राइवर को लीगल हेल्प मिलनी चाहिए और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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