त्रिवेंद्र चचा, भूल गए वो लात जो आपने कार पर मारी थी?

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  • सीएम खंडूड़ी के चयन होने पर उतारा था कार पर गुस्सा
  • चचा, कर्मो का फल तो भुगतना ही पड़ता है।

कहते हैं कि इतिहास अपने को दोहराता है। त्रिवेंद्र चचा ने हिंदुस्तान में आज बयान दिया है कि सीएम को कार्यकाल के बीच में हटाना उचित नहीं, लेकिन चचा अपना ही इतिहास भूल गये। त्रिवेंद्र चचा को सीएम पद की कुर्सी से हटाकर भी वही इतिहास ही दोहराया गया। जैसी करनी, वैसी भरनी। याद कीजिए चचा, वो दिन 2007 का। जब पैसेफिक होटल में खंडूड़ी जी को सीएम चुना गया तो आप गुस्से से आग बबूला हो गये थे। आरोप है कि विधायक दल की बैठक के बाद आप बाहर निकले और सार्वजनिक तौर पर खंडूड़ी जी को गाली दी और गुस्से में कार को जोर से लात मारी। सूत्र बताते हैं कि यह भी आप, कोश्यारी जी मिलकर जनरल टीपीएस रावत के पास गये थे कि खंडू़ड़ी जी के लिए धुमाकोट सीट न छोड़ें। तब आपने ठाकुर कार्ड खेला लेकिन फौजीवाद भाई-भतीजावाद पर भारी पड़ा। हालांकि बाद में त्रिवेंद्र चचा, कोश्यारी और निशंक की तिकड़ी ने जनरल खंडूड़ी को पटखनी दे दी। हालांकि हाईकमान को बाद में यह भूल पता चली लेकिन तब तक देर हो गयी थी। भाजपा 2012 में सत्ता से बाहर फेंक दी गयी।
त्रिवेंद्र चचा उत्तराखंड भाजपा का चरित्र शुरू से ही ठीक नहीं है। स्वामी नित्यानंद को हटाने के लिए कोश्यारी जी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। बेचारे सांस भी ठीक से नहीं ले पाये थे कि कुर्सी खिसक गयी। खंडूड़ी जी के साथ और फिर निशक, फिर आपके साथ, फिर तीरथ के साथ और अब फिर उत्तराखंड भाजपा की राजनीति की धुरी कोश्यारी जी के हाथ में आ गयी है। दुनिया गोल है चचा और कर्मों का हिसाब तो इसी दुनिया में देना होता है। याद रखना।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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