पहाड़ी सो रहा है, और बिहारी मजदूर उत्तराखंड बचाने के लिए सड़कों में नारे लगा रहा है। तमिलनाडु से आया चेतना समूह का शंकर गोपाल बता रहा है कि प्रदेश कैसे लुट रहा है।
उधर, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में आकाश तत्व पर मंच पर बैठ संघ के नेता भाषण दे रहे हैं और सामने बैठे वैज्ञानिक ठगे से सुन रहे हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि विज्ञान पर बात हो रही है कि अंधविश्वास पर। जब वैज्ञानिकों के बोलने का नंबर आ रहा है तो हाल खाली हो जा रहा है। इसरो इसकी फंडिंग कर रहा है और खाने की दावत सीएम दे रहे हैं। अफसर खाने के कूपन लेकर अपने परिवार के साथ मौज कर रहे हैं, उधर, बेचारे कार्यकर्ता भूखे पेट भाजपा-भाजपा कर रहे हैं।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में तेजी से विकास हो रहा है और हमें बेशक शिक्षा के क्षेत्र में पीजीआई ने 35वां स्थान दिया हो, लेकिन हम कान्फीडेंट है कि 2025 में उत्तराखंड देश का सबसे अग्रणी राज्य होगा।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]