- हर सोमवार प्रत्येक बच्चे को मिलता है 10 ग्राम दूध पाउडर
- प्रदेश में हजारों नौनिहालों का कुपोषण दूर करने की सरकारी योजना
एक चुटकी दूध पाउडर की कीमत तुम क्या जानो दांडी बाबू। इसमें 100 ग्राम खौलता पानी मिलाओ और गट से पी जाओ। देखना, शक्तिमान बन जाओगे। प्रदेश सरकार कुपोषण के खिलाफ जो जंग लड़ रही है उसमें दूध पाउडर योजना से जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है। प्रदेश के जो हजारों बच्चे कुपोषित थे, वो इस फीके दूध को पीकर डायबिटीज से भी बच रहे हैं।
यही कारण है कि सोमवार को मैडम दौड़कर स्कूल जाती हैं। क्लासरूम में ही गैस जलाती हैं। चूल्हे पर पानी चढ़ाती हैं। हर बच्चे के हिसाब से आंचल दूध का एक ढक्की यानी लगभग 10 ग्राम पाउडर उसमें मिलाती हैं। और बच्चों को गट से दूध पीने को कहा जाता है। कहीं-कहीं मास्टरनियां बहुत दयालु होती हैं। अपने पैसों से खरीदकर लाई चीनी दूध पाउडर के घोल में मिलाकर मैडम सहज ही मां कृपि की तरह बच्चों से हौले से पूछती है, दूध कैसा था। गरीब का बच्चा दूध का स्वाद क्या जाने? उसके चेहरे पर एक संतुष्टि भरी मुस्कान उभर आती है। आज मीठा है। एक ढक्की दूध पाउडर में जबरदस्त ताकत होती है। अगले सोमवार तक इस 10 ग्राम दूध पाउडर के दम तक नौनिहाल कुपोषण से जंग लड़ रहे हैं।
इस दूध से प्रदेश में क्रांति आ रही है और हमारा प्रदेश कुपोषणमुक्त हो रहा है। सात लाख बच्चों पर महज 12 करोड़ का खर्च आ रहा है। कितनी किफायती योजना है। आखिर क्यों न हो, प्रदेश के भावी कर्णधारों का सवाल जो है। हमारी सरकार की जय बोलो, दानी-दाताओं की जय बोलो, कमीशनखोरों की जय, नौकरी चोरों की जय बोलो।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]