12 मई को एवरेस्ट पर फतह करने के बाद 15 मई को सुबह मेरी सविता से वाट्सएप पर बात हुई थी। उसने बताया कि वह अभी एवरेस्ट बेस कैंप में है। नेटवर्क की भी समस्या है। कहा, कल नेटवर्क में आ जाऊंगी। वह माउंट मकालू पर भी फतह हासिल करना चाहती थी जो कि उसने एवरेस्ट फतह के महज 15 दिन बाद की। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। मैंने उससे पूछा कि देहरादून कब आओगी। इंटरव्यू करना है। जवाब दिया, अभी देहरादून आने में समय लगेगा। मैं इंतजार करता रह गया। कल द्रोपदी के डांडा में जहां आज तक कभी एवलांच नहीं आया था, एवलांच आने के बाद निम की इंस्ट्रक्टर सविता समेत चार पर्वतारोहियों के शव मिल गये। अभी 26 लापता हैं।
दुखी मन से अलविदा, प्यारी बच्ची।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]