जब 1994 में खटीमा गोलीकांड में राज्य आंदोलनकारी शहादत दे रहे थे और जनता सड़कों पर थी तो कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल उन दिनों डोईवाला में किरयाना की दुकान चला कर गुड़ बेच रहे थे। पहले किरयाने की दुकान के माध्यम से जनता को लूटा और अब मंत्री बन कर लूट रहे हैं। प्रेमचंद अग्रवाल की योग्यता इतनी है कि उनको भाजपा और संघ के एक बड़े नेता रामलाल अग्रवाल का वरदहस्त है। यही वरदहस्त आज उत्तराखंड के लिए भस्मासुर पैदा कर गया।
खटीमा गोलीकांड के सभी सात शहीदों को शत-शत नमन।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]
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