- बेहद ईमानदार और शालीन हैं उत्तराखंड के दोनों आईएएस और एक आईपीएस
- साजिशन फंसाया गया होगा परिजनों को
ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने के चिटहैरा गांव गरीबों और दलितों की भूमि खुर्द-बुर्द करने के मामले में उत्तराखंड के दो बेचारे आईएएस और एक आईपीएस को जबरदस्ती घसीटने की कोशिश की जा रही है। ये नौकरशाह बेदाग है। मजाल क्या है कि कभी चवन्नी का भी आरोप लगा हो। केवल अपने वेतन में ही गुजारा करते हैं। सरकारी वाहन का इस्तेमाल न तो उनकी पत्नी करती है और न ही रिश्तेदार। न ही उनकी पत्नी डाक्टर को घर बुला कर अपनी सेहत की जांच करवाती है। न ही पीआरडी के जवान उनका कुत्ता घुमाते हैं और न बगीचे के पौधों को पानी देते हैं।
दादरी तहसील के लेखपाल शीतला प्रसाद ने प्राथमिकी दर्ज करवाई। आरोप है कि वह खुद ही फर्जीवाड़ा करने वालों से मिला हुआ था। लिहाजा, डीएम ने उसे निलंबित कर दिया। उसका जो मोबाइल नंबर 9412225034 है। पता नहीं क्यों लग नहीं रहा। मैंने कई बार संपर्क करने की कोशिश की तो नॉन एग्जिस्ट बता रहा है। आप भी ट्राई कर लीजिए। उत्तराखंड के बेदाग अफसरों की साफगोई और ईमानदारी साबित हो जाएगी। हो सकता है पुलिस ने जांच के लिए लेखपाल का मोबाइल जब्त कर लिया हो। सारा कसूर उसी लेखपाल का लगता है।
अब बात उत्तराखंड के तीन नौकरशाहों के सगे-संबंधी रिश्तेदारों की। झूठ-मूठ का आरोपी बनाए गये रिश्तेदार एक आईएएस साउथ इंडियन के बताए गये हैं और दूसरे सज्जन आईएएस के बहुत ही शरीफ रिश्तेदार हैं। आईपीएस के रिश्तेदार कैसे रूप धारण कर गरीबों की भूमि हड़प सकते हैं यह भी समझ से परे है। मुझे तो सब झूठ लग रहा है। अब बाकी आप लोग जानें या जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। यदि जांच सही हुई तो। वरना डिब्बा बंद। बेवजह तनाव में न रहें। बड़े-बड़े शहरों में ऐसी छोटी-मोटी वारदात होती रहती है।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]