कुत्ताकटा नाले में बह गए 13 करोड़

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  • पेयजल निगम में भ्रष्टाचार चरम पर, कार्रवाई शून्य
  • कौन है जुलेड़ी पंपिंग योजना का गुनाहगार, पता नहीं?

उत्तराखंड पेयजल निगम में इन दिनों जबरदस्त गुटबाजी चल रही है। कुछ सीनियर इंजीनियर उत्तरकाशी की छोटी-छोटी योजनाओं पर वहां के इंजीनियरों पर कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन सैन्य धाम में गड़बड़ी और कई पंपिंग योजनाओं में गड़बड़ घोटाले पर चुप्पी साध लेते हैं क्योंकि इसमें बड़े-बड़े मगरमच्छ इंजीनियर शामिल हैं। जैसा मैंने कहा था कि पेयजल निगम से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में हुए घोटालों की परत-दर-परत खोली जाएगी तो इस कड़ी में पहली गड़बड़ी है जुलेड़ी पंपिंग योजना।
जुलेड़ी पंपिंग योजना जल जीवन मिशन के तहत यमकेश्वर के हेंवल नदी के कुत्ताकटा नाले के बीचोंबीच बना दी गई। जुलेड़ी यूपी के सीएम योगी की बहन का ससुराल है। 13 करोड़ की यह पंपिंग योजना 18 गांवों को पानी पहुंचाने के लिए शुरू की गई। गजब की बात यह है कि इस योजना को नाले के बीच बना दिया और इसके प्रोटेक्शन के लिए कोई योजना ही नहीं बनाई। डिजाइनिंग और जगह के चयन की गलती थी, लेकिन योजना पर करोड़ों खर्च कर दिया गया। 2023 मंें अतिवृष्टि होने से नाले में बाढ़ आई और योजना तबाह हो गई।
इस संबंध में भू-वैज्ञानिक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने जांच की। उनकी रिपोर्ट मेरे पास है। इसमें उन्होंने कहा कि स्थान का चयन ही गलत था। उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भूगोल की भाषा में इसे सेंटर आफ लार्ज प्लेन कहा जाता है जो कि अंत में फ्लूवाइल फैन का रूप ले चुका है। अतिवृष्टि में 70 प्रतिशत ढांचा मलबे में दब चुका है। इससे यहां के ग्रामीणों को भी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे स्थानों का चयन करने से पहले विशेषज्ञों की राय ली जाए।
सबसे अहम बात यह है कि यह सीधा मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस प्रोजेक्ट को बिना देखे ही लाभ पहुंचाने के लिए किसने जारी किया और इसकी डिजाइनिंग किसने पास की? उस पर क्या कार्रवाई हुई? यह पता नहीं। गढ़वाल के एसई मोहम्मद मिसम ने भी कहा कि जुलेड़ी योजना में भारी नुकसान हुआ है।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)

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