कुछ विशेष व्यक्ति स्मृति के शिलालेख बन जाते हैं और ठहर जाते हैं अपने वजूद के साथ। उत्तराखंड के जनमानस के हृदय में बसते हैं लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी और उनके गीत संगीत में बसता है उत्तराखंड, लोकजीवन में बिखरे साधारण लम्हों को भी नेगी जी की काव्यप्रतिभा मोती की तरह मनकों में गूंथ देती है। उनके गीतों में चित्रित गढ़वाल की माटी और थाती के अप्रतिम वैभव की सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक छवियां आत्मगौरव से भर देती हैं।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के जन्मदिवस पर उत्तराखंड के लोकप्रिय प्रकाशन “विनसर प्रकाशन” द्वारा प्रकाशित पुस्तक “सृजन से साक्षात्कार” का लोकार्पण माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा नरेन्द्र सिंह नेगी की गरीमामयी उपस्थिति में किया गया। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि यह प्रथम सचित्र पुस्तक है जिसमें लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की जीवन में गीत संगीत यात्रा को सचित्र प्रकाशित किया गया है। पुस्तक का आवरण एवं छायाकंन उत्कृष्ट है और प्रकाशक कीर्ति नवानी ने लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को जन्मदिन पर विशेष उपहार के रुप में यह पुस्तक समर्पित की है।
[Indu Ghildiyal की फेसबुक वॉल से साभार]