कभी तो वो सुबह आएगी, जब हंसुली-दाथियों की बात सुनी जाएगी!

आंसुओं की अलकनंदा देखी तो पिघल गया सचिन जोशीमठ के दर्द को देखा तो दवा लेने तय की 300 किमी पैदल दूरी देहरादून के कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक के पास बैठ कर एक दोने में दाल-चावल खा रहे सचिन के पास गया। पतली-छछहरी काया। बाल बिखरे से और दाढ़ी बढ़ी हुई। यह दाढ़ी फैशन … Continue reading कभी तो वो सुबह आएगी, जब हंसुली-दाथियों की बात सुनी जाएगी!