वैज्ञानिक क्या अब जोशीमठ घुईयां छीलने जा रहे हैं। वहां जो कुछ करना था पहले करते-कहते। वाडिया के वैज्ञानिक डा. डीपी डोभाल, यूसैक के डायरेक्टर डा. एमपीएस बिष्ट, प्रो. एस पी सती और प्रो. नवीन जुयाल पिछले एक साल से लगातार जोशीमठ का मुद्दा उठा रहे थे। प्रो. सती की रिपोर्ट जुलाई 2022 में आ गयी थी। उसकी तो सुनवाई नहीं हुई। मैं और वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट व डाउन टू अर्थ के सीनियर जर्नलिस्ट राजू सजवाण ऋषिगंगा आपदा के बाद से ही इस मुद्दे पर सोशल मीडिया और पत्र-पत्रिकाओं में लिख रहे थे। किसी ने सुना ही नहीं न संज्ञान लिया। अब शासन-प्रशासन वहां वैज्ञानिक भेज रही हैं। केवल सरकार का खर्च बढ़ा रहे हैं ये वैज्ञानिक।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]