शिखर को छुआ, जड़ों से जुड़े रहे डा. नवीन बलूनी

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  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संस्कार की प्रयोगशाला है बलूनी ग्रुप आफ एजूकेशन
  • एक हजार से भी अधिक लोगों को रोजगार दिया है बलूनी ग्रुप ने

1997 की बात है। आगरा के एसएन मेडिकल कालेज से पासआउट डाक्टर नवीन बलूनी ने दो गरीब बच्चों को नि:शुल्क मेडिकल एंट्रेस इग्जाम की तैयारी करवाई। दोनों ही छात्र मेडिकल में निकल गये। इसके बाद डा. बलूनी ने कुछ और बच्चों को मेडिकल परीक्षा की तैयारी करानी शुरू की। साथी डाक्टर उन्हें ताना देते कि कैसा पहाड़ी है, यदि बच्चों की ही पढ़ाना था तो डाक्टर क्यों बना? लेकिन अपनी धुन के पक्के डा. बलूनी ने किसी की नहीं सुनी। 1999 को आगरा में बलूनी क्लासेस का जो पौधा रोपा गया अब वह एक हरा-भरा वृक्ष बन चुका है। इसकी कई शाखाएं देश के विभिन्न शहरों में हैं। बलूनी ग्रुप उत्तर भारत का अग्रणी शिक्षण संस्थान बन चुका है। ग्रुप के आठ स्कूल हैं और अब नये सत्र में माया बलूनी फाइव डे बोर्डिंग स्कूल भी देहरादून में खुलने जा रहा है।
डा. नवीन बलूनी सफलता के शिखर पर हैं। वह और उनके भाई विपिन बलूनी अपनी माटी और थाती से गहरे जुड़े हैं। पहाड़ के लिए उनका दिल धड़कता है। यही कारण है कि हर साल 50 प्रतिभावान गरीब बच्चों को नि:शुल्क मेडिकल परीक्षा की तैयारी करवाते हैं। सुपर-70 के माध्यम से देश-प्रदेश को अब तक 400 से भी अधिक डाक्टर दे चुके हैं। स्कूली शिक्षा को नया आयाम दे रहे हैं। उनके शिक्षण संस्थान में 10 हजार से भी अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। जल्द ही देहरादून के सेलाकुई में माया बलूनी फाइव डे बोर्डिंग स्कूल भी नये सत्र से शुरू कर रहे हैं। यह प्रयोग स्कूली शिक्षा में क्रांति साबित होगा।
बलूनी ग्रुप से एक हजार लोगों को रोजगार मिला है। प्रदेश में खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने में भी बलूनी ग्रुप सबसे आगे हैं। ग्रुप का यह विस्तार और शिखर पर पहुंचने की गाथा में चेयरमैन डा. नवीन बलूनी की दूरदर्शी सोच, अथक मेहनत और समर्पण भाव तो एमडी विपिन बलूनी का कुशल प्रबंधन शामिल है। डा. नवीन बलूनी उत्तराखंड में क्वालिटी एजूकेशन और जीवन मूल्यों की सीख देने का काम कर रहे हैं। नेक नीयत और दूरदर्शी सोच के धनी डा. नवीन बलूनी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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