छोटे-छोटे घरौंदों में रोशन हुए उम्मीदों के चिराग

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  • बलूनी क्लासेस की निशुल्क कोचिंग सुपर -50 से गुदड़ी के लाल बने डाक्टर
  • सपना है, प्रतिभा है और जीतने की जिद तो बलूनी क्लासेस में आपका स्वागत है

देहरादून के चंदन नगर की रोजी नाज अंसारी आज डाक्टर है। उसने हल्द्वानी मेडिकल कालेज से एमबीबीएस कर लिया है। उसके इस सपने को साकार किया बलूनी क्लासेस ने। रोजी के पिता परिवार से अलग रहते हैं। मां आंगनबाड़ी कर्मचारी। गुजर-बसर मुश्किल से होती थी। रोजी प्रतिभावान थी लेकिन राह नहीं थी। महिला समाख्या की गीता गैरोला दीदी उसे लेकर बलूनी क्लासेस पहुंची। सुपर-50 परीक्षा दी और नि:शुल्क कोचिंग से रोजी डाक्टर बन गयी।
रोजी नाज अकेली ऐसी नहीं है। मोटर मैकेनिक की बेटी तमन्ना मंसूरी, बिन पिता के साक्षी मनकू, आटो ड्राइवर का बेटा संदीप जैसे सैकड़ों गुदड़ी के लालों को डाक्टर और इंजीनियर बनाने का काम किया है बलूनी क्लासेस ने।
दरअसल, बलूनी क्लासेस के चेयरमैन डा. नवीन बलूनी ने 2010 में एक योजना शुरू की, सुपर-50 की। उनका मानना है कि यदि प्रतिभा है तो बच्चे की राह में आर्थिक समस्या नहीं आनी चाहिए। सुपर-50 में चुने गये बच्चों को निशुल्क कोचिंग दी जाती है। स्टडी मटीरियल भी नि:शुल्क। उनकी दूरदर्शी सोच ने धनाभाव के कारण मेधावी और प्रतिभावान गरीब बच्चों के सपनों को पंख मिले और पिछले दस साल से अब तक लगभग 300 से भी अधिक डाक्टर देश और प्रदेश मिल चुके हैं।
मेडिकल में अपना करियर बनाने की चाहत रखने वाले बच्चों के लिए बलूनी क्लासेस 31 अक्टूबर को सुपर-50 परीक्षा आयोजित कर रहा है। प्रतिभावान बच्चे इसके लिए 25 अक्टूबर तक आनलाइन या आफ लाइन आवेदन कर सकते हैं।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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