- यह चिन्गारी है, इसे हवा लगने दो, भ्रष्टाचारियों और व्याभिचारियों के महल जलेंगे
प्रदेश सरकार ने पीएम मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में स्वच्छता पखवाड़ा और रक्तदान शिविरों का क्रम शुरू किया। बताओ, रेखा आर्य को छोड़कर कितने नेताओं ने रक्तदान किया। कुल कितनी यूनिट ब्लड डोनेट किया गया। पता चलेगा कि एक भी ठीक-ठाक नेता ने ब्लड डोनेट नहीं किया। ये नेता इतने कमीने हैं कि हमारा खून तो चूस ही रहे हैं और निकाल भी रहे हैं। धर्म के नशे में और झूठे राष्ट्रवाद में डूबी जनता इन्हें वोट भी दे रही है और खून भी। जबकि हालात यह है कि ये हरामखोर नेता पीएम मोदी के नाम पर 10 ग्राम खून देने को भी तैयार नहीं हैं। पीएम मोदी ने कोरोना टाइम में इनसे धन और गहने भी मांगे थे, दिये किसी ने क्या?
इसलिए मेरी आपसे अपील है कि आज के बंद को हो सके तो नैतिक समर्थन दीजिए। यह लड़ाई व्यक्ति विशेष की नहीं है। समाज की है। देवभूमि में दैत्यों का बोलबाला हो गया है। इन दैत्यों के खिलाफ जंग लड़नी होगी, इनका संहार करना होगा। अंकिता की शहादत एक नजीर बननी चाहिए कि पुलकित जैसे दरिंदों को उनके अंजाम तक पहुंचाना ही होगा। यही वक्त की नजाकत है। समझिए और चंद उन लोगों का साथ दीजिए, जिनके दिल में आग है, एक जब्जा है, सुरक्षित और समृद्ध उत्तराखंड का सपना है। भले ही वो मुट्ठी भर हैं, लेकिन योद्धा तो हैं लड़ तो रहे हैं। हार कर घर नहीं बैठे।
उत्तराखंड बंद को अपना समर्थन दें।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]