तिरुपति/शिमला, 25 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री बिक्रम सिंह ने आज आंध्र प्रदेश के तिरुपति में आयोजित सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों और श्रम सचिवों के दो दिवसीय राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने की।
इस अवसर पर बिक्रम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कामगारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें विभिन्न लाभ प्रदान करने के दृष्टिगत ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के लिए ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 20.87 लाख कामगारों को पंजीकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें से प्रदेश ने 19.13 लाख कामगारों के पंजीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया है।
इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा कामगारों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों के समान विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं एवं कार्यक्रम कार्यान्वित किए जा रहे हैं।
श्रम एवं रोजगार मंत्री ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर कामगारों के पंजीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने में हिमाचल देश भर के अग्रणी राज्यों में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अटल पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार की मौजूदा अंशदान सीमा को दो हजार रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर तीन हजार रुपये किया गया है, ताकि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को अंशदान के लिए प्रोत्साहन मिले और इस योजना का अधिक से अधिक लाभ हो सके। उन्होंने वर्तमान लाभार्थियों और नए लोगों को पेंशन देने के लिए प्रदेश में अटल पेंशन योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ाया गया है। वर्ष 2022-23 में इस पर लगभग 20 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। प्रदेश में इस योजना के तहत एक लाख लोगों को पंजीकृत किया गया है।
इससे पहले, बिक्रम सिंह ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री को परंपरागत हिमाचली शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया।