पहली विश्व योगासन प्रतियोगिता का भारत में होना गर्व की बात

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शिमला, 21 नवंबर। हि.प्र. योगासन खेल संघ के पैटर्न लक्ष्मी दत्त शर्मा ने कहा कि हमें गर्व है कि हम भारतीय सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग योग को आधुनिक युग में खेल के स्वरूप में लेकर आ रहे राष्ट्रीय योग खेल महासंघ से जुड़े हैं जिसकी अध्यक्षता उदित सेठ व डा जयदीप आर्य कर रहे हैं और भारत सरकार के खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है! जिससे सभी योग खिलाडि़यों को सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे जो अन्य खेलों में मिलते हैं।
पूज्यनीय स्वामी रामदेव जी व डा. एच आर नागेन्द्र के निर्देशन में कार्य कर रही अंतरराष्ट्रीय योग खेल महासंघ ने दृढ़ निश्चय किया है कि योग खिलाडि़यों को विश्व स्तर पर वैसे ही मान्यता प्राप्त करवानी है जैसे उन्होंने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया है! जिससे योग संस्कृति को बच्चे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं।
इसी के अंतर्गत् जब से हिमाचल प्रदेश योग खेल संघ को राष्ट्रीय योग खेल महासंघ से मान्यता प्राप्त आदरणीय डॉ. जयदीप आर्य (सचिव) व महासंघ ने दी है। हि.प्र. योग खेल संघ के प्रधान लीलाधर शर्मा व सचिव डा विवेक सूद ने तब से हिमाचल प्रदेश में योग खेल के क्षेत्र में क्रांति लाई है तथा हिमाचल के बच्चों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया।
जिसे हिमाचल के वर्तमान राज्यपाल ने भी सराहा और बच्चों को सम्मानित भी किया। अब आने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए बच्चों का चयन हिमाचल के सभी जिलों से किया जाएगा।
गौरतलब रहे कि हि.प्र योगासन खेल संघ लीलाधर शर्मा की अध्यक्षता में पहले भी दो बार राज्यस्तरीय योग आसन खेल प्रतियोगिता करवा चुका है। हम आपको यह भी बताना चाहते हैं कि द्वितीय राज्य स्तरीय योग आसन खेल प्रतियोगिता जो कि हाल ही में अक्टूबर में हुई थी जिसमें सचिव डॉ. विवेक सूद ने अपनी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ सबके सहयोग से संचालन किया, जिसके परिणामस्वरूप स्वरूप हिमाचल की रबर डोल निधि डोगरा राष्ट्रीय योग आसन खेल प्रतियोगिता में टाप 20 में अपना स्थान बनाने में सफल रही जो कि पूरे हिमाचल के लिए गर्व की बात है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश योग संघ के अध्यक्ष लीलाधर, सचिव डा विवेक सूद व तकनीकी अध्यक्ष योगी रणजीत सिंह ने कहा कि हम हिमाचल के सभी प्रतिभाशाली योग खिलाडि़यों को हर प्रकार से मंच प्रदान करते हुए विश्व तक ले जाएंगे जिससे लोग देव भूमि हिमाचल को योग भूमि के नाम से भी जान पाएं। जिससे हिमाचल के बच्चे स्वस्थ व नशामुक्त रहेंगे।

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