रामपुर शहर, 10 जुलाई। हिमाचल की जनता के दिलों पर राज करने वाले राजा वीरभद्र सिंह का आज दोपहर तीन बजे मोक्षधाम जोबनी बाग में शाही सम्मान के साथ दाह संस्कार किया जाएगा। विक्रमादित्य सिंह अपने पिता की पार्थिव देह को मुखाग्रि देंगे। इससे पूर्व राज दरबार परिसर से मुख्य बाजार होते हुए शवयात्रा निकाली जाएगी।
शवयात्रा के दौरान चार ठहरियों से पहुंचे बाजेदार पौराणिक परंपराओं का निर्वहन करेंगे। परंपरा है कि राजा के मरणोपरांत उल्टे बाजे की धुन पर उन्हें श्मशानघाट तक पहुंचाया जाता है। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहेंगे। श्मशानघाट में राज परिवार के लिए विशेष स्थान है। मृत्यु को प्राप्त हुए बुशहर रियासत के राजाओं और रानियों के यहां स्मृति चिह्न आज भी मौजूद हैं। शिलालेख में उनके चित्र और मृत्यु की तिथि अंकित है। इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और मजदूरों ने सतलुज नदी के किनारे बने श्मशानघाट की सफाई की।
शवयात्रा के दौरान कल ठियोग, मतियाना, नारकंडा, कुमारसैन, सैंज, बिथल, नीरथ, भद्राश, दत्तनगर, नोगली और रामपुर में हजारों लोग उनके दर्शन के लिए सड़कों पर उतर नजर आए। सैकड़ों वाहनों का काफिला शवयात्रा के साथ राज दरबार परिसर पहुंचा। यहां पदम महल परिसर स्थित हाल में उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। शनिवार सुबह करीब 11 बजे राजतिलक की परंपरा का निर्वहन होगा जबकि इसके समाप्त होते ही वीरभद्र सिंह की शवयात्रा रामपुर बाजार होते हुए जोबनी बाग स्थित श्मशानघाट पहुंचेगी।
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