हिमाचल की सत्य घटना से प्रेरित है ‘वनरक्षक’, ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर देती है संदेश

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साहित्य कला संवाद में फिल्म वनरक्षक की टीम के साथ परिचर्चा

मंडी, 29 मई। भारतीय सिनेमा में अपने निर्देशन द्वारा हिमाचली सिनेमा को वैश्विक पटल पर पहुंचाने वाले पवन शर्मा निर्देशित फिल्म वनरक्षक की पूरी टीम को साहित्य कला संवाद में आमंत्रित किया गया। इस फिल्म में बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता यशपाल शर्मा और सीआईडी सीरियल के प्रमुख अभिनेता आदित्य श्रीवास्तव और बॉलीवुड के ही जाने-माने अभिनेता राजेश जैस ने सहायक भूमिका निभाई हैं। फिल्म वनरक्षक में मुख्य किरदार निभाने वाले अभिनेता धीरेंद्र ठाकुर ने चिरंजीलाल की भूमिका निभाई हैं। आंचल के किरदार में अभिनेत्री फलक खान भी इस परिचर्चा में शामिल थी। उन्होंने बताया कि हिमाचल आना उनका सपना था। वह कुल्लू मनाली तो गई थीं, लेकिन मंडी जिले के जंजैहली में कभी नहीं आईं। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान 40 दिन वह जंजैहली में रहीं और उन खूबसूरत वादियों का भरपूर आनंद लिया। यह उनकी पहली फिल्म है जिसमें वह मेन रोल कर रही हैं।

फिल्म वनरक्षक हिमाचल की एक सत्य घटना से प्रेरित है। यह एक ऐसे फॉरेस्ट गार्ड की कहानी है जो प्रकृति से बहुत प्रेम करता है और जंगल बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देता है। पवन शर्मा ने अपने कुशल निर्देशन द्वारा अपनी इस फिल्म में पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को बड़ी ही खूबसूरती से दर्शकों के सामने रखा है। यह फिल्म बहुत बड़ा संदेश देती है की प्रकृति का दोहन अनुचित है और प्रकृति से छेड़छाड़ करने के विकराल परिणाम हमें देखने को मिलेंगे आज के संदर्भ में जब पूरा विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में यह फिल्म दर्शकों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। साथ ही साथ जो हमारे देश के फॉरेस्ट गार्ड है उनका नजरिया भी दर्शकों के सामने रखती है कि कितनी मुश्किलों का सामना करके वह अपनी ड्यूटी निभाते हैं।

इस फिल्म में निर्देशक पवन शर्मा ने हिमाचली कलाकारों को भी मौका दिया है। इसके साथ ही हिमाचली फोक सोंग और हिमाचली कल्चर को भी बखूबी दर्शाया है। यशपाल शर्मा की पवन शर्मा के साथ लगातार यह तीसरी फिल्म है। इससे पहले वह पवन शर्मा द्वारा निर्देशित करीम मुहम्मद और ब्रीणा जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए हिमाचल के प्रति अपने प्रेम को उजागर किया और हमारे दर्शकों को बताया कि हिमाचल में पर्यटन की कितनी अपार संभावनाएं हैं। फिल्म में फॉरेस्ट ट्रेनिंग ऑफिसर का किरदार निभाने वाले आदित्य श्रीवास्तव ने बताया कि पवन शर्मा के साथ वह लगातार दूसरी बार काम कर रहे हैं और हिमाचल के साथ उनका रिश्ता बहुत पुराना है। वह हर साल हिमाचल छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लिए यह गौरव की बात है कि पवन शर्मा जैसे निर्देशक हिमाचली कल्चर को प्रमोट कर रहे हैं, वैश्विक पटल पर ला रहे हैं।

उन्होंने अपने अनुभव सभी दर्शकों के साथ साझा किए। फिल्म में चौकीदार राज्यपाल की भूमिका निभाने वाले अभिनेता राजेश जैस ने बताया कि हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। कुछ कोशिशें होना जरूरी है। कुछ सुविधाएं मुहैया करवाई जानी चाहिए, ताकि आने वाले समय में अन्य कई निर्देशक भी हिमाचल में आकर अपनी फिल्म की शूटिंग कर सकें। हिमाचल की इन हसीन और खूबसूरत वादियों को अपनी फिल्मों के द्वारा पूरे विश्व भर में सभी दर्शकों को दिखा सकें।

राजेश का मानना है कि हिमाचल में फिल्म की शूटिंग के लिए परमिशन लेने में बहुत दिक्कत होती है और स्थानीय सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए कि कैसे इन दिक्कतों को आने वाले समय में हल किया जा सकता है। बड़ी बेबाकी से उन्होंने अपनी बात रखी और सभी हिमाचल वासियों और दशकों से यह अनुग्रह किया कि जितना हो सके इस फिल्म को देखें और इसमें जो संदेश छिपा है उससे सब को जागरूक करें।

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फिल्म के निर्देशक पवन शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस पर्यावरण जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को अपनी फिल्म का विषय चुना है। आज पूरा विश्व इस पर्यावरण जैसे गंभीर मुद्दे पर जूझ रहा है और ग्लोबल वार्मिंग का असर पूरे विश्व पर पड़ रहा है। उनकी यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म शेमारू पर रिलीज हुई है। आप सभी दर्शक उनकी इस फिल्म को इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं। वहीं पर हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के सचिव डॉ कर्म सिंह ने सभी अभिनेताओं का आभार व्यक्त किया और फिल्म के निर्देशक पवन शर्मा का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने इस विषय को अपनी फिल्म के लिए चुना और हिमाचल कल्चर को प्रमोट करने के लिए वह निरंतर प्रयासरत हैं।

इस कार्यक्रम का संचालन मंडी की रंगकर्मी दीक्षा शर्मा ने कियाA संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सौजन्य से उन्हें उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं। पिछले दो दशकों से वो रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय हैं और साहित्य कला संवाद के इस मंच पर निरंतर रंगमंच और सिनेमा से जुड़ी प्रख्यात शख्सियतों को दर्शकों से रू-ब-रू करवा रही हैं। हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के संपादक हितेंद्र शर्मा भी इस पर चर्चा में उपस्थित थे। उन्होंने भी पवन शर्मा को धन्यवाद किया और उनकी पूरी टीम को फिल्म वनरक्षक के लिए शुभकामना दीं।

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