3 लाख से कम आय वालों को निःशुल्क कानूनी मदद

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सोलन, 1 नवंबर। राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन द्वारा कण्डाघाट में एक दिवसीय महिला जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनल के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी कपिल शर्मा ने की।
कपिल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 3 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति, महिला, दिव्यांग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या बच्चों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान है ताकि धन के अभाव या अन्य किसी लाचारी के कारण जरूरतमंदों को न्याय से वंचित न होना पड़े।
उन्होंने कहा कि समाज में समानता के उद्देश्य से महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना आवश्यक है। समाज में व्याप्त असमानता को दूर करने के लिए महिलाआंे के प्रति अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाना होगा तभी हम समाज में समानता का भाव पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समाज में सशकत बनाकर ही आगे बढ़ा जा सकता है।
उन्होंने घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम 2005, नालसा ऐप विधिक सेवा डोर टू डोर अभियान, पोस्को अधिनियम तथा आऊटरीच अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कपिल शर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय विधिक जागरूकता एवं आउटरीच अभियान के अंतर्गत् इन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमो का मुख्य उद्देश्य जन-जन विशेष रूप से ग्रामीण, जनजातीय एवं दुर्गम क्षेत्रों के निवासियों को जानकारी के माध्यम से विधिक सेवा संस्थानों की कार्यप्रणाली से अवगत करवाना तथा निःशुल्क विधिक सेवाएं उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि जिला सेवा विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा अधिक्ताओं, पैरा लीगल वालंटियरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, महिला मंडलों, युवक मंडलों, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वयं सेवी संस्थाओं, मीडिया तथा अन्य के सहयोग से 14 नवंबर तक विधिक जागरूकता एवं अन्य आऊटरीच गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
इससे पूर्व अधिवक्ता दोषी नेगी ने महिलाओं को स्वास्थ्य का अधिकार, भू्रण हत्या, गर्भाधारण के बारे में जानकारी प्रदान की गई। शिविर में महिलाओं को गिरफ्तार करने से पूर्व तथा गिरफ्तारी के पश्चात के अधिकारों के बारे में भी बताया गया। अधिवक्ता श्वेता शर्मा ने दहेज उन्मूलन अधिनियम तथा भरण-पोषण अधिनियम के बारे में महिलाओं में जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत मही की प्रधान अंजू कौंडल, आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिकाएं, महिला मंडल तथा विभिन्न स्वयंसेवी समूह की लगभग 60 महिलाओं ने भाग लिया।

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