शिमला, 27 मार्च। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को और अधिक प्रभावशाली बनाया गया है। इसके लिए सभी आबकारी अनुज्ञापिओं से विचार-विमर्श किया गया और नीतिगत सुझाव भी आमंत्रित किए गए। इसके अतिरिक्त, पड़ोसी राज्यों में शराब के मूल्यों एवं आबकारी नीति का भी अध्ययन किया गया। आबकारी अनुज्ञापिओं के सुझाव और अन्य राज्यों की आबकारी नीति का अध्ययन करने के पश्चात् इस वित्त वर्ष में शराब के मूल्यों में नीतिगत बदलाव किया गया है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अवैध शराब की बिक्री और तस्करी को रोकने के लिए शराब के मूल्य को तर्कसंगत बनाया गया है। देसी शराब के मूल्य में बदलाव करते हुए इसे तर्कसंगत और पड़ोसी राज्यों में बिकने वाली शराब के समकक्ष लाया गया, जिससे शराब की तस्करी पर रोक लगेगी। सभी आबकारी हितधारकों द्वारा इस नीति का स्वागत किया गया है। आबकारी नीति में बदलाव एवं शराब के मूल्यों में तर्कसंगत मूल्यांकन के फलस्वरूप प्रदेश में 95 प्रतिशत से अधिक शराब के कारोबार का आबंटन हो चुका है। इस नीति में सभी हितधारकों का ध्यान रखा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि जहां जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन क्षेत्रों में स्थित होटल एवं रेस्तरां के बार की फीस में कटौती की गई है, वहीं प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में स्थित होटलों के बार की फीस को भी युक्तिसंगत बनाया गया है। सरकार द्वारा शराब पर लगने वाले कोविड शुल्क को भी कम किया है। प्रदेश में शराब के थोक एवं खुदरा विक्रेताओं की दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा शराब के मूल्यों में किए गए बदलाव से प्रदेश में अवैध शराब की तस्करी पर अंकुश लगेगा और साथ ही सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी। प्रदेश में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो, इसके लिए सरकार शराब के निर्माण से लेकर बिक्री तक के संचालन के लिए ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को इस वर्ष लागू करने जा रही है। इसके लागू होने से शराब की गुणवत्ता पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।