ऊना/शिमला, 27 नवंबर। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने से फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और कृषि लागत घटने के साथ ही उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के उत्पादों की सर्टिफिकेशन पर बल देते हुए कहा कि इससे किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प लिया है तथा हिमाचल प्रदेश में भी इस दिशा में सार्थक प्रयास हो रहे हैं।
ऊना जिलै के अपने तीन दिवसीय प्रवास के पहले दिन राज्यपाल ने आज प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही।
उन्होंने प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के लाभार्थी लोअर बसाल निवासी जोगिंदर पाल से उनके खेत में जाकर अनुभव सुने। गलुआ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की लाभार्थी सुख देवी का घर भी देखा और उनसे बातचीत की। इसके उपरांत अप्पर बसाल में हिमकेयर योजना की लाभार्थी कृष्णा देवी से तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थी अप्पर नारी निवासी सुरेंद्र कुमार से भी मुलाकात की।
लाभार्थी जोगिंदर पाल ने बताया कि उन्हें प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत 57 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई है तथा उन्होंने देसी गाय के गोबर व गौमूत्र का उपयोग कर रसायन मुक्त खेती को अपनाया है। सुख देवी ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 1.67 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। 75 वर्षीय कृष्णा देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें कूल्हे में चोट लगी थी तथा 25 हजार रुपये से उनका उपचार किया गया, जिसका पूरा व्यय प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना के तहत वहन किया, जिसके लिए वह मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की आभारी हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थी अप्पर नारी निवासी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि योजना के तहत उन्हें मकान बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, नगर परिषद ऊना की अध्यक्ष पुष्पा देवी, उपायुक्त राघव शर्मा व एसपी अर्जित सेन ठाकुर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।