शिमला, 29 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि जीवन में किसी प्रकार की उपलब्धि हासिल करने के लिए उच्च लक्ष्य का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी अपने जीवन में उच्च लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं उन्हें अवश्य सफलता प्राप्त होती है।
यह बात राज्यपाल ने आज यहां हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सौजन्य से संकल्प फाउंडेशन के तत्वावधान मंे आयोजित चयनित प्रतिभागी अभिनंदन समारोह-2021 के अवसर पर कही।
उन्होंने संकल्प के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान गत 37 वर्षों से कार्य कर रहा है और इस संस्थान से लगभग 7.5 हजार विद्यार्थियों ने कोचिंग ली है। यह आवश्यक नहीं है कि हर व्यक्ति जीवन में सफल हो परंतु उनमें अवश्य ही नैतिक मूल्यों का विकास होता है। उन्होंने कहा कि जिनके पास यह प्रमाण-पत्र है वे समाज के प्रति बेहतर कार्य करने में सक्षम है। इस प्रकार के व्यक्तियों का समाज में महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
राज्यपाल ने कहा कि हम समाज में अच्छी गतिविधियों के लिए व्यक्ति या समूह को श्रेय प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्यत्व का स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। प्रदेश के विकास में विभिन्न मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सड़क पर कार्य करने वाले मजदूर ने भी अपना योगदान दिया है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है।
अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवाएं परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे अन्य विद्यार्थियों के लिए भी आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों के समक्ष कई चुनौतियां हैं परंतु वह किस प्रकार इन चुनौतियों का समाधान ढंूढेंगे यह अधिक महत्वपूर्ण है। आम लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए समर्पण और सेवा भाव का होना बहुत आवश्यक है जिसके लिए उन्हें समाज सेवक के रूप में कार्य करने की आवश्यकता है।
संकल्प के संस्थापक सदस्य और विशिष्ट अतिथि संतोष तनेजा ने राज्यपाल का स्वागत किया और संस्थान द्वारा विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही सेवाओं और गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास के साथ कठिन प्रयास करने चाहिए।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार और यूजीसी के सदस्य डॉ. नागेश ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। पूर्व आईएएस सुरेंद्र घनकरोकटा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।