शिमला, 4 सितंबर। हिमाचल प्रदेश वन विभाग कालोनी में भू-स्खलन के कारण खतरे में आए वन विभाग कालोनी के भवनों पर वन विभाग ने कडा संज्ञान लिया है। वन विभाग कालोनी शिमला के एस्टेट ऑफिसर और ए पी सी सी एफ (फाइनेंस) आर के गुप्ता ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के आग्रह पर वन विभाग की खलीनी कालोनी का स्वयं दौरा किया।
गुप्ता ने बताया कि कालोनी में भू-स्खलन और आगे न बढे़ इसके लिए भू-स्खलन वाले क्षेत्र में तिरपाल लगा कर पानी के रिसाव को रोकने के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। इसके अतिरिक्त गुप्ता ने अपने दौरे के दौरान पाया कि छत से गिरने वाले पानी और भारी बारिश के कारण एकत्र होने वाले पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था नहीं है। इसलिए उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को पानी की निकासी के विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए। गुप्ता ने यह भी बताया कि भू-स्खलन के कारण खतरे वाले मकानों में रह रहे कर्मचारियों को अन्य स्थान पर रखा जा रहा है, जिसके चलते इन कर्मचारियों को स्थानीय विश्राम गृह और सामुदायिक भवन में शिफ्ट कर दिया गया है।
गुप्ता ने मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन को यह भी आश्वासन दिया कि यदि आव्यश्यक हुआ तो खतरे वाले मकानों में रह रहे कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर मकानों की अलाटमेंट भी की जाएगी। इसके अतिरिक्त गुप्ता ने यह भी बताया कि चक्कर और खालीनी में हुए भू-स्खलन पर वो खुद नजर रखे हुए हैं और बरसात के समाप्त होते ही डंगे लगाने का कार्य जोर शोर से आरंभ किया जाएगा और भविष्य में भू-स्खलन की संभावना न हो इस तरह से डंगों का निर्माण किया जाएगा।
गुप्ता ने बताया कि चक्कर कालोनी में आए भू-स्खलन प्रभावित स्थान को भी बरसात के तुरंत बाद डंगे लगाकर सुरक्षित किया जाएगा। गुप्ता ने बताया कि चक्कर में गिरे डंगे से कालोनी के अंडरग्राऊंड पानी के टैंक को फिलहाल कोई खतरा नहीं है और जल्द ही नया डंगा लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने गुप्ता का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि उनके खालीनी कालोनी दौरे से कर्मचारियों का न केवल मनोबल बढ़ा है बल्कि उनकी समस्याओं का फौरी तौर पर समाधान भी हुआ है। एसोसिएशन ने गुप्ता से यह भी आग्रह किया कि वो चक्कर कालोनी का दौरा भी करें, ताकि वहां की समस्याओं पर भी उनकी नजर पड़े और लोगों की समस्याओं का समाधान जल्दी मिल सके।