एसोसिएशन ने किया पुरस्कारों की जांच के आदेश का स्वागत

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शिमला, 30 अगस्त। वन मंत्री राकेश पठानिया द्वारा हाल ही में वन विभाग में वितरित किए गए पुरस्कारों की जांच के आदेश के निर्णय का हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने स्वागत किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने वन मंत्री के इस बयान का स्वागत करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि वन मंत्री का यह बयान हिमाचल प्रदेश के वनों की रक्षा कर रहे असली योद्धाओं के मनोबल को बढाने वाला है। बादल ने वन मंत्री का जांच के आदेश करने के निर्णय के लिए आभार भी जताया है। इन पुरस्कारों की प्रक्रिया की यदि जांच होती है तो विभाग में आननफानन में लिए गए इस फैसले की प्रक्रिया की पोल भी स्वयं खुल जाएगी।
हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि वन मंत्री हिमाचल प्रदेश ने पुरस्कार वितरण को लेकर गंभीरता दिखाई और इसके महत्व को गहराई से समझा। जबकि वन विभाग अपनी और से अपनी गलती पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है। एसोसिएशन ने इस संबंध में वन विभाग से पहले ही लिखित शिकायत की थी, जिस पर विभाग ने लीपापोती करते हुए यह बताया था कि विभाग ने पूरे हिमाचल से नामांकन मांगे थे, जिन-जिनके नामांकन उनके पास आए, उनके नामों पर विचार किया गया। जबकि एसोसिएशन ने विभाग को यह बता दिया था कि हिमाचल के अधिकतर कार्यालयों को पुरस्कारों के पत्र की प्रति मिली ही नहीं थी।
क्या चाहते हैं वन विभाग के कर्मचारी
हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के समस्त कर्मचारी न केवल पुरस्कार चयन प्रक्रिया के खिलाफ हैं, बल्कि वो वर्तमान पॉलिसी को भी पक्षपात पूर्ण मानते हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान पुरस्कार पालिसी में वन विभाग की कुछ श्रेणियों को ही शामिल किया है, जबकि विभाग में अन्य श्रेणियों के कर्मचारी भी उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। इन अन्य श्रेणियों को भी वर्तमान पालिसी में शामिल किया जाना चाहिए। बादल ने कहा कि वर्तमान पालिसी में पीसीसीएफ से लेकर चपरासी तक सभी श्रेणियों के नाम सम्मिलित होने चाहिए और पुरस्कार उत्कृष्टता साबित करने वाले कर्मचारियों को ही दिए जाने चाहिए।
एसोसिएशन का कहना है कि पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए इसकी घोषणा समाचार पत्रों के माध्यम से कम से कम छह महीने पहले की जानी चाहिए और निर्धारित तिथि से एक महीने पहले इन पुरस्कारों की घोषणा हो जानी चाहिए। यही नहीं एसोसिएशन का मत यह भी है कि पुरस्कारों की कमेटी में एसोसिएशन का एक सदस्य भी होना चाहिए। एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि पुरस्कार चयन समिति का अध्यक्ष वन विभाग का सचिव होना चाहिए, ताकि पुरस्कार चयन प्रक्रिया प्रशासनिक मुखिया के ध्यान में भी हो।

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