सीएम ने केंद्र के समक्ष पौंग बांध विस्थापितों का मुद्दा उठाया

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शिमला, 9 जुलाई। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज राजस्थान के जयपुर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार पौंग बांध विस्थापितों के लम्बित मामलों का शीघ्र समाधान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने राष्ट्र के विकास में सदैव ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध और अन्य जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से प्रदेश के लोगों ने विस्थापन का दर्द झेला है। पौंग बांध के निर्माण के दृष्टिगत 16,352 विस्थापित हिमाचलियों के पुनर्वास के लिए राजस्थान में 2.25 लाख एकड़ भूमि आरक्षित की गई थी। उन्होंने कहा कि इनमें से केवल 8,713 विस्थापितों को भूमि/मुरब्बा उपलब्ध करवाया गया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कानून एवं व्यवस्था, आन्तरिक सुरक्षा, सीमा संबंधी मामले और अन्तरराज्यीय जल संबंधी मामलों की चर्चा करने के लिए आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और लेफ्टिनेंट गवर्नर ने भाग लिया। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 दिसम्बर 2021 को सिरमौर जिले की गिरी नदी पर 7 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली रेणुका जी बांध परियोजना की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि 40 मेगावाट की इस परियोजना से 200 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली के पीने के पानी की 40 प्रतिशत आवश्यकता की पूर्ति होगी। उन्होंने कहा कि यह महत्त्वकांक्षी योजना उत्तरी क्षेत्रों के कई राज्यों की ऊर्जा और पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी।

मुख्यमंत्री ने देश में एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय की सराहना की। उन्होंने अटल टनल रोहतांग के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण से प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय में वृद्धि होने के साथ चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों पर तैनात सैन्य बलों की त्वरित आवाजाही में भी सुगमता हुई है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी 7.19 प्रतिशत है, परन्तु राज्य को इसमें पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा प्राप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा परियोजना में प्रदेश की 1 लाख एकड़ से अधिक उपजाऊ भूमि और ब्यास नदी पर पौंग परियोजना के कारण डैहर में 65,563 एकड़ भूमि जलमग्न हो गई है जबकि प्रदेश को इन जलाशयों से उत्पन्न बिजली और पानी के उचित उपयोग का अधिकार नहीं दिया गया है। जय राम ठाकुर ने पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ सड़क के फोरलेन संबंधी मामला भी उठाया है।

 

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