इसके बारे में पीड़िता ने किसी को भी नहीं बताया था। मुकदमा दर्ज होने के 3-4 दिन पहले पीड़िता को घर में अचानक उल्टी व पेट दर्द हुआ, तो पीड़िता की माँ पीड़िता को चैकअप हेतु सरकारी अस्पताल ले गई वहां डॉक्टर की जांच में पता चला कि पीड़िता गर्भवती है। इस पर पीड़िता ने सारी घटना की जानकारी अपने स्वजनों को दी। साथ ही बताया कि आरोपी ने उससे शादी का वादा किया था और पीड़िता के उक्त बयान पर पुलिस थाना में दोषी के खिलाफ अभियोग संख्या 210/2018 दिनाँक 08.09.2018 दर्ज किया। छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी ने मामले का चालान अदालत में दायर किया।
अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 29 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवाए। मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी चानन सिंह ने की। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी को भारतीय दंड सहिंता की धारा 363 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ ₹5,000/- जुर्माने की सजा, धारा 376 के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास के साथ ₹50,000/- जुर्माने की सजा और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ ₹50,000/- जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 6 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी सुनाई है। ये सभी सजाएं एक साथ चलने के आदेश भी दिए हैं।