शिमला, 12 सितंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की हैं। राज्य सरकार ने गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं में कुपोषण की समस्या के समाधान को उच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आरंभ की है। यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
इस योजना के तहत पात्र गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं को पहले बच्चे जन्म पर मातृत्व सुविधा प्रदान की जा रही है। शर्तों को पूरा करने वाली पात्र लाभार्थियों को तीन किश्तों में 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
राज्य में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत एक लाख 96 हजार 491 लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया है। वर्ष 2017 में इस योजना के आरंभ से अब तक लाभार्थियों के बैंक खातों में 82.59 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। वर्ष 2021-22 में अब तक लगभग 18603 लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है और इन लाभार्थियों के बैंक खातों में छह करोड़ 10 लाख 32 हजार रुपये जमा किए गए हैं।
राज्य सरकार ने गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं की पोषण संबंधी आवश्कताओं के दृष्टिगत वेतन कटौती की स्थिति में आंशिक मुआवजा और स्वास्थ्य सुधार के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया है। योजना के तहत शिमला जिले में सात करोड़ 87 लाख 75 हजार रुपये और सोलन जिले में 16,440 पात्र महिलाओं को छह करोड़ 40 लाख रुपये व्यय कर लाभान्वित किया गया हैै। योजना के क्रियान्वयन से अब तक कांगड़ा जिले में लगभग 21 करोड़ रुपये व्यय कर 47 हजार पात्र महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है।
एकीकृत बाल विकास सेवाएं योजना के तहत क्रियान्वित की जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लक्ष्य देश में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या का समाधान करना है।
केंद्र सरकार, राज्य सरकार, निजी क्षेत्र की इकाइयों या इसी प्रकार की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने वाली महिलाओं को छोड़कर अन्य सभी गर्भवती महिलाएं और स्तनपान करवाने वाली माताओं को इस योजना में शामिल किया गया है।