कुटलैहड़ में पहली बार उड़े मानव परिंदे, पर्यटन को लगेंगे पंख

1229

तकनीकी समिति ने बीड़ के बाद घरवासड़ा को पैराग्लाइडिंग के लिए दूसरी सबसे उपयुक्त जगह पाया
ऊना, 15 जुलाई। कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के घरवासड़ा से आज मानव परिंदों ने पहली बार उड़ान भरी। तकनीकी समिति के सामने सुबह लगभग 7 बजे दो पैराग्लाइडर्स ने घरवासड़ा टेक ऑफ किया तथा गरीबनाथ मंदिर के पास लैंडिंग की।
अटल विहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबंधी खेल संस्थान मनाली के अतिरिक्त निदेशक सुरिंदर ठाकुर ने कहा कि उड़ान का ट्रायल सफल रहा है। अब इसके बाद तकनीकी समिति टैक ऑफ तथा लैंडिंग साइट को अधिसूचित करेगी। उन्होंने कहा कि घरवासड़ा का पर्यटकों के लिए पैराग्लाइडिंग कराने का उपयुक्त स्थान पाया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग के लिए बीड़-बिलिंग के बाद घरवासड़ा को देश में दूसरी सबसे बेहतर साइट पाया गया है।
वहीं, उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि प्रोफेशन पायलट ने आज घरवासड़ा से अंदरौली तक उड़ान भरी है, जो कामयाब रही। जिससे अब व्यवसायिक रूप से पैराग्लाइडिंग करने का रास्ता साफ हो गया है। लैडिंग का स्थान गोबिंद सागर के बिल्कुल किनारे हैं, जिससे विहंगम दृष्श बनता है। लैंडिंग व टेक ऑफ साइट को विकसित किया जाएगा, साथ ही यह स्थान पंजाब व हिमाचल के सीमा के पास है और बहुत से पर्यटक पंजाब से यहां घूमने व गोबिंद सागर का सुंदर नजारा देखने के लिए आते हैं। पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेल की शुरूआत होने से इस पूरे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि कुटलैहड़ टूरिज्म डेवलेपमेंट सोसाइटी के माध्यम से अंदरौली में जल क्रीड़ाओं के आयोजन के लिए कॉम्पलेक्स बनना भी प्रस्तावित है तथा बहुत जल्द गोबिंद सागर में वाटर स्पोर्ट्स भी शुरू होंगी। यह सारी गतिविधियां क्षेत्र के विकास में मददगार बनेंगी।
ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने पैराग्लाइडिंग के सफल ट्रायल के लिए सभी कुटलैहड़वासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन विस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार लगातार भरसक प्रयास कर रही है, जिन्हें आज कामयाबी मिली है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग व जल क्रीड़ाओं गतिविधियां शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। स्थानीय युवाओं को पैराग्लाइडिंग के लिए पायलट बनने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उन्हें पर्यटन के साथ आजीविका कमाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिपलू मंदिर से हथलौन तक पैराग्लाइडिंग को तकनीकी समिति ने पहले ही मंजूरी दे दी है, जो हम सबके लिए खुशी की बात है। कंवर ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब कुटलैहड़ पर्यटन के मानचित्र पर अग्रणी होगा।
इस अवसर पर जिला परिषद उपाध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा, सहायक पर्यटन विकास अधिकारी रवि धीमान, सीनियर पैरा ग्लाइडिंग इंस्ट्रक्टर अनुजा अवस्थी सहित तकनीकी टीम के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

पुलिस महानिदेशक ने राज्यपाल से भेंट की

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here