शिमला, 26 अक्टूबर। सूचना एवं जन संपर्क विभाग के अधिकारियों के लिए आज यहां तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर निदेशक, सूचना एवं जन संपर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन ने मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उनके अनुभव विभागीय अधिकारियों के लिए उपयोगी होंगे और उनकी कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान संदर्भ में जन संपर्क में नए प्रचलन और चुनौतियों, लोक एवं पारंपरिक मीडिया का उपयोग और प्रभावी प्रचार के लिए नवीन तकनीक के उपयोग पर केंद्रित था।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन सूचना एवं जन संपर्क विभाग के पूर्व निदेशक बी.डी. शर्मा ने सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों के प्रभावी प्रचार के लिए नए मीडिया और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जन कल्याण के लिए चलाए जा रहे सरकारी कार्यक्रमों, नीतियों और योजनाओं के प्रभावी प्रचार-प्रसार के लिए जन संपर्क कर्मियों को मीडिया के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित करने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि लक्षित समूहों को ध्यान में रखते हुए मीडिया के साधनों का तर्कसंगत उपयोग किया जाना चाहिए।
शर्मा ने सूचना के समयबद्ध प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि विभिन्न प्रकार के मीडिया जैसे मुख्यधारा के मीडिया और सोशल मीडिया को ध्यान में रखते हुए विभाग के पास सूचना का एक डेटा बैंक उपलब्ध रहना चाहिए क्योंकि विभिन्न मीडिया के लिए सूचना की आवश्यकता अलग-अलग होती है और समयसीमा भी अलग-अलग होती है।
इस अवसर पर विभाग के पूर्व उप-निदेशक मेला राम शर्मा ने लोक नाट्य और फील्ड पब्लिसिटी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लोक नाट्य सूचना संप्रेषण का सबसे प्राचीन माध्यम है, जिसकी वर्तमान में भी बहुत प्रासंगिकता है।
इस अवसर पर विभाग के संपादक डॉ. राजेश शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति के लिए सूचना संकलन और समय प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए।