शिमला, 25 मई। भारतीय पत्रकार कल्याण मंच ने गेयटी थिएटर में आजादी के 75 वर्षों में पत्रकारों का योगदान विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। मुख्य अतिथि और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज व हरियाणा के उद्योगपति व समाजसेवी स्टार भारत फाउंडेशन के चेयरमैन संदीप गर्ग भी शामिल हुए।
मुख्य वक्ता के तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के जनसंचार विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर बिंदू शर्मा व स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब के प्रोफेसर एवं डीन डॉ आशुतोष मिश्रा ने संगोष्ठी को संबोधित किया। भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन आश्री व राष्ट्रीय महासचिव मेवा सिंह राणा ने मुख्य अतिथि राज्यपाल हिमाचल शिव प्रताप शुक्ला का बुके भेंट कर स्वागत किया। इसके अलावा मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों को शॉल ओढाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। जसवीर सिंह दुग्गल, विजय बजाज, रोहित लामसर व नरेश वधवा ने ने भी मुख्य अतिथियों को बुके भेंट किए।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पत्रकारिता भारतीय प्रजातंत्र की मजबूत बुनियाद है। भारतवर्ष में पत्रकारिता का उदय ऐसे समय में हुआ था, जब देश पराधीन था और अंग्रेजी राज नहीं चाहता था कि जन जागरण और स्वतंत्रता संग्राम को बल मिले लेकिन कई प्रगतिशील लेखक पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने पत्रकारिता की मशाल को जलाए रखा। उन्होंने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी, बाबू पराड़कर, लोकमान्य तिलक, राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी व बालमुकुंद गुप्त जैसे सैकड़ों पत्रकार हैं, जो आज भी देशहित से जुड़ी पत्रकारिता के आदर्श हैं। आज आजादी के अमृतकाल में हम महोत्सव मना रहे हैं, तो ऐसे समय में आजादी दिलाने के लिए की गई पत्रकारिता के जज्बे जुनून को हम सब नतमस्तक होकर याद करते हैं। जिसने अंग्रेजों को देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया था। आज हम आजादी की 75वें वर्षगांठ के अवसर पर पत्रकारिता के विकास और योगदान को देखते हैं। उन्होंने कहा कि आप सब पत्रकारों ने इस पवित्र कार्य को अपनी प्रतिभा व वर्षों के प्रयास से खींचा है। इसके लिए आप सभी को बधाई और आशा है कि देश के उत्थान के लिए आप पत्रकारिता के जरिए अपना सहयोग देशहित में जारी रखेंगे। उन्होंने संबोधन अंत में भारतीय पत्रकार कल्याण मंच को इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए बधाई प्रेषित करते हुए कि मंच इसी तरह से पत्रकारों को जागरूक करने का काम करता रहे यही उनकी शुभकामना हैं।
पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। किसी भी देश के नवनिर्माण में पत्रकारिता का अहम योगदान होता है। आजादी के बाद भारत की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। पत्रकारों ने अपनी लेखनी से जिस प्रकार आजादी दिलाने का काम किया उसी प्रकार से आजादी के बाद भी पत्रकारों ने भारतीय विकास में अपनी लेखनी के माध्यम से देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि पत्रकार जहां नवनिर्माण का निर्माता है वही आज के दौर में सोशल मीडिया का टूल भी काम कर रहा है लेकिन कई बार जल्दबाजी में अवांछनीय भी घटित हो जाता है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व सोशल मीडिया का दौर चल रहा है लेकिन समाचार पत्रों की महत्वता आज भी बरकरार है। स्क्रीन पर हम केवल घटित घटना को ही देख सकते हैं लेकिन समाचार पत्रों में हमें न्यूज के साथ-साथ व्यूज भी पढने को मिलती है। पत्रकारिता विषय अपने आप में एक वृहद विषय है। जिसके उस पार जाकर हम घटित घटना के बारे समाचार पत्रों में लिखे गए स्तंभकारों के लेख पढ़कर भविष्य में झांक सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय पत्रकार कल्याण मंच पिछले 20 वर्ष से पत्रकारों के प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं संगोष्ठी का आयोजन करता आ रहा है। इन कार्यक्रमों से पत्रकारों को एक नई ऊर्जा मिलती है।
उद्योगपति एवं समाजसेवी स्टाल्वर्ट फाउंडेशन के चेयरमैन संदीप गर्ग ने पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए कहा कि पत्रकारिता देश के विकास में एक अहम कड़ी है। पत्रकार लोकतंत्र में नवनिर्माण का कार्य करता है। पत्रकार न केवल सिस्टम में खामियों को उजागर कर प्रशासन व सरकार को जगाने का काम करता है बल्कि देश की उपलब्धियों को जनता के सामने लाने का भी एक जरिया है। उन्होंने कहा कि प्रभु के आशीर्वाद से उन्होंने समाजसेवा के जो कार्य गरीब रसोई एंबुलेंस सेवा वह मरीजों की देखभाल जैसे कार्यों को शुरू किया है। इन कार्यों को करने की प्रेरणा जहां उन्हें विरासत में अपने बाप और दादा से मिली है वहीं इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा मीडिया ने उन्हें प्रेरित किया है। उन्होंने संगोष्ठी में शामिल हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी व हिमाचल प्रदेश के पत्रकारों को शुभकामना देते हुए कहा कि उन्हीं के कंधों पर लोकतंत्र की नींव रखी है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय जनसंचार विभाग के मुख्य वक्ता प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता आज नए दौर में प्रवेश कर चुकी है। जहां पर नई चुनौतियां और नए माध्यमों के साथ पत्रकारों को एक नए युग की पत्रकारिता शुरू की है। पत्रकारिता के नए टूल जितने त्वरित हैं, उतने ही घातक भी सिद्ध हो रहे हैं। इसलिए पत्रकारों को पूरी समझ और सूझबूझ के साथ सामग्री प्रेषित करनी चाहिए ताकि उनके किए कार्य से किसी का जीवन प्रभावित न हो पाए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को किसी के निजी जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए पत्रकारिता की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं। उसी दायरे में रहकर पत्रकारों को समाज हित में व देश के विकास में उन्मुखी पत्रकारिता करनी चाहिए।
चितकारा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवं डीन डॉक्टर आशुतोष मिश्रा ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में पत्रकारिता ने देश के विकास में जो योगदान दिया है। वह अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता अपने आप में बहुत बड़ा विषय है। आजादी से लेकर अब तक लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की भूमिका निभाने वाले पत्रकारिता जगत में बड़े-बड़े घोटालों का पर्दाफाश करके देश के लोकतांत्रिक मर्यादा का उदाहरण पेश किया है। मैंने कहा कि हालांकि कई बार पत्रकारों को सच लिखने की कीमत भी चुकानी पड़ती है फिर भी पत्रकार अपने सीमित साधनों के साथ सच की आवाज को बेखौफ होकर निडर शब्दों की शब्दावली के साथ देशहित में अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में बेशक माध्यमों का स्वरूप बदला है लेकिन एक चीज जो कभी नहीं बदली और ना ही कभी बदलेगी। वह है पत्रकारों की जनता व पाठकों के प्रति विश्वसनीयता और निर्भीकता। उन्होंने भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पावना आश्री और उनके मंच के साथ जुड़े सभी पत्रकारों को शुभकामना देते हुए कहा कि वह पत्रकारिता धर्म को इसी प्रकार से निभाते रहेंगे और देश के सिस्टम को समय-समय पर जगाते रहेंगे।
भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन आश्री ने मंच की गतिविधियों के बारे मुख्य अतिथियों व पत्रकारों को अवगत करवाते हुए कहा कि वे सुरेश भारद्वाज के सानिध्य में पिछले 25 वर्ष से प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश में पत्रकारों के प्रशिक्षण शिविरों व गोष्ठियों का आयोजन करते आ रहे हैं। मंच द्वारा सरकार के साथ मिलकर पत्रकारों के हित में कल्याणकारी योजनाओं को लागू करवाने में अहम योगदान दिया है। फिर चाहे हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पत्रकारों को पेंशन दिए जाने की बात हो या फिर पत्रकारों का मेडीक्लेम करवाने की बात हो। मंच ने समय-समय पर पत्रकारों की समस्याओं के लिए आवाज बुलंद की है। उन्होंने बताया कि भारतीय पत्रकार कल्याण मंच द्वारा सभी सदस्यों का 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा बीमा प्रतिवर्ष करवाया जाता है। दुर्भाग्यवश किसी पत्रकार की मृत्यु होने या फिर दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसके परिवार को आर्थिक मदद दिलाने में मंच परिवार के साथ रहता है। दीपावली मिलन, होली मिलन जैसे कार्यक्रमों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों के जरूरतमंद स्कूली विद्यार्थियों को सर्दियों में गर्म जर्सी व जूते वितरित करने का काम भी करता है और सर्दी के मौसम में जरूरतमंद लोगों को कंबल भी वितरित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनका मंच हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर हिमाचल सरकार से भी आग्रह करेगा कि हिमाचल के पत्रकारों को भी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए और पत्रकारों का मेडीक्लेम किया जाए ताकि मामूली वेतन में जोखिम भरा काम करने वाले पत्रकारों को और उनके परिवार को कुछ राहत मिल सके। मंच का संचालन पत्रकार शिवा ने बखूबी किया।
संगोष्ठी में भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के हिमाचल प्रदेश प्रभारी अनिल हेडली, महासचिव उज्जवल शर्मा, पराक्रम चंद, पंकज राख्ता, रमेश सिंगटा, सुरेश शांडिल्य, शकील कुरेशी, रोहित नागपाल, जसवीर दुग्गल, कृष्ण लाल मेहता, पूनम शर्मा चौतन्य शर्मा पासाराम उकलाना, छाया शर्मा, रोहित लामसर सीमा मेहता, विजय, बजाज, मुकेश बंसल, गुरपाल नैन कृष्ण प्रजापति, धर्मवीर बंसल, संजीव राणा, शिवचरण तंवर और संजीव बंसल भी उपस्थित थे।
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