रिकांगपिओ, 3 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के मैदान में आज जिले का 11वां जनमंच आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचेतक बिक्रम सिंह जरयाल ने की।
जनमंच में 53 शिकायतें प्राप्त हुई थी, जबकि 6 अन्य शिकायतें मौके पर ही प्राप्त हुई। इस प्रकार कुल 59 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 30 शिकायतों का निपटारा मौके पर ही कर दिया गया, जबकि 29 शिकायतों का निपटारा शीघ्र करने के लिए विभिन्न विभागों को निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर मुख्य सचेतक बिक्रम सिंह जरयाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान सुनिश्चित बनाएं, ताकि उन्हें बार-बार विभागों के कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़े। इसी उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए महत्वाकांक्षी जनमंच कार्यक्रम आरंभ किया गया है। इससे जहां लोगों की शिकायतों का मौके पर ही समाधान सुनिश्चित हो रहा है वहीं उनके धन व समय की बचत भी हो रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2022-23 के बजट में समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि बजट में 60 यूनिट तक विद्युत खपत पर उपभोक्ता को कोई भी बिल नहीं देना पड़ रहा है। इसी प्रकार 61 से 125 यूनिट तक एक रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है जिससे प्रदेश के लाखों विद्युत उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन के लिए आयु सीमा को कम करके 60 वर्ष किया गया है। इसी प्रकार सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की योजनाओं में पात्रता के लिए वार्षिक आय सीमा को 35 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। इस निर्णय से 60 हजार से अधिक अतिरिक्त लाभार्थी लाभानिवत हांेगे।
मुख्य सचेतक बिक्रम सिंह जरयाल ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों विशेषकर जनजातीय व अनुसूचित जाती वर्ग के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है तथा उनके कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम तथा योजनाएं आरंभ की गई हैं।
उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत गत 4 वर्षों के दौरान जिले के चहुंमुखी विकास के लिए 385 करोड़ 56 लाख रुपये जारी किए गए, जबकि वर्ष 2022-23 के लिए 138 करोड़ 22 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत जिले में कृषि तथा अन्य संबंध सेवाओं के लिए 9 करोड़ 71 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। जिले में ग्रामीण विकास और अन्य गतिविधियों के लिए 9 करोड़ 6 लाख रुपये व सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के लिए 16 करोड़ 10 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत गत 4 वर्ष के दौरान 38 करोड़ 88 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं तथा अब सीमावर्ती गांव के समग्र विकास व अधोसंरचना विकसित करने के लिए एक नया कार्यक्रम वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम आरंभ किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किन्नौर जिले के बागवानी के विकास व आधुनिकीकरण करने के लिए 50 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है। यह एक कलस्टर विकास कार्यक्रम केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा देश में स्वीकृत किए गए 12 कलस्टरों में से एक हैं।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत 4 वर्ष में किन्नौर जिले का 5000-10000 हेक्टेयर क्षेत्र लाया जाने का लक्ष्य रखा गया है। किन्नौर जिले के सभी बागवान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस योजना के अंतर्गत् लाभान्वित होंगे। योजना के अंतर्गत् 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। कार्यक्रम का उद्देश्य बागवानों की समस्या का समाधान कर आधुनिक व नवीन तकनीकों को बढ़ाकर सेब बागवानी को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना तथा बागवानों को आवश्यकता अनुसार जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान कर कलस्टर ब्रांड विकसित करना है। उन्होंने कहा कि फल उत्पाद तैयार करने के उपरांत होने वाले नुकसान को कम करने के लिए ढांचागत सुविधाएं विकसित करना है। उन्होंने बताया कि जिले में सहारा योजना के अंतर्गत् 109 लोग लाभान्वित हुए हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने गृहिणी सुविधा योजना के तहत पांगी गांव की चेतना, शिवानी नेगी, धर्म भगति, रंजना देवी और सोमा देवी को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा प्री जनमंच के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्री-जनमंच के दौरान आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा स्थानीय लोगों को मौके पर ही फलों तथा अनाज से बनने वाली देसी शराब बनाने के लिए 17 लाइसेंस जारी किए गए। इसी दौरान 8 इंतकाल, 2 निशान देही, 18 मामले के.सी.सी से संबंधित, 110 विभिन्न प्रमाण-पत्र जिनमें हिमाचली, आय, जनजाति, अनुसूचित जाति, चरित्र व अन्य प्रमाण-पत्र बनाए गए।
इससे पूर्व बिक्रम सिंह जरयाल ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग द्वारा इस दौरान निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए स्वास्थ्य जांच शिविर में 64 व्यक्तियों ने अपनी स्वास्थ्य जांच करवाई, जबकि आयुष विभाग द्वारा लगाए गए स्वास्थ्य जांच शिविर में 170 लोगों की जांच की गई। इस दोरान बी.पी व मधुमेह के टेस्ट भी किए गए तथा निःशुल्क दवाइयां भी वितरित की गई।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी, जिला परिषद अध्यक्ष निहाल चारस, जिला परिषद सदस्य सरिता, पंचायत समिति कल्पा के अध्यक्ष गंगा राम, भाजपा के जिला महामंत्री चंद्र पाल, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष यशवंत नेगी, वन मण्डलाधिकारी रजनोल्ड रॉयस्टन, उपमण्डलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा, उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर, ग्राम पंचायत कल्पा की प्रधान सरिता नेगी, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न विभागाध्यक्ष व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।