शिमला, 9 अक्टूबर। मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिमाचल प्रदेश सी.पालरासू ने मंडी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र तथा फतेहपुर, अर्की व जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं से आग्रह किया है कि वे उप-निर्वाचन के दृष्टिगत 30 अक्टूबर को मतदान करने के लिए मतदाता फोटो पहचान पत्र या भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 11 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज पहचान के लिए साथ लाएं।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार उप-निर्वाचन में सभी मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर मताधिकार का प्रयोग करते समय अपना मतदाता पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि कोई मतदाता अपना पहचान पत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ है तो ऐसे मतदाता को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए फोटोयुक्त वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक/ डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत् जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत् आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, राज्य अथवा केंद्र सरकार के लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों, विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने कहा कि एपिक के संबंध में लेखन की अशुद्धि, बर्तनी की अशुद्धि इत्यादि को नजरअंदाज कर देना चाहिए बशर्ते निर्वाचक की पहचान ईपीआईसी से सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई निर्वाचक किसी अन्य सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है तो ऐसे एपिक भी पहचान करने के लिए स्वीकार किए जाएंगे, बशर्ते उस निर्वाचक का नाम जहां वह मतदान करने आया है, उस मतदान केंद्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। यदि फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो तब निर्वाचक को कोई एक वैकल्पिक फोटो दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त में किसी बात के होते हुए भी प्रवासी निर्वाचकों जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अधीन निर्वाचक नामावली में पंजीकृत हैं, उन्हें मतदान केंद्रों में केवल उनके मूल पासपोर्ट के आधार पर ही पहचाना जाएगा और ऐसे मामलों में कोई अन्य दस्तावेज मान्य नहीं होगा।